25 सौ पारा शिक्षकों ने दी गिरफ्तारी

हजारीबाग विभिन्न मांगों को आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों ने गुरुवार को शिक्षक दिवस

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Sep 2019 07:59 PM (IST) Updated:Thu, 05 Sep 2019 07:59 PM (IST)
25 सौ पारा शिक्षकों ने दी गिरफ्तारी
25 सौ पारा शिक्षकों ने दी गिरफ्तारी

हजारीबाग : विभिन्न मांगों को आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों ने गुरुवार को शिक्षक दिवस पर जेल भरो अभियान शुरू कर एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सदर थाना में गुरुवार को 25 सौ शिक्षकों ने गिरफ्तारी दी। पारा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए थाने में ही धरने पर बैठ गए। तीन सूत्री मांगों को लेकर पारा शिक्षकों का पांच सितंबर को जेल भरो आंदोलन था। राज्यव्यापी स्तर पर आंदोलन का आयोजन किया गया था। नेतृत्व जिलाध्यक्ष चंदन मेहता कर रहे थे। थाने में एकाएक ढाई हजार की संख्या आने पर लोगों को बैठने तो दूर खड़ा होने की जगह नहीं मिली। बाद में आधे पारा शिक्षक सड़क पर रहे और शेष थाने में प्रभारी नीरज कुमार सिंह के आह्वान पर धरने में बैठ गए। बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष संजय पंडीत ने पारा शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से सरकार पारा शिक्षकों के साथ छलावा करती आ रही है। समझौता करने के बाद लिख कर देने वाली सरकार अपनी हीं मांगों को मानने से इंकार कर रही है। वर्तमान रघुवर सरकार की नीयत हीं नहीं जुबान भी काली है। बताया कि उनके कार्यकाल में पारा शिक्षकों के साथ हर प्रकार के अत्याचार किए गए। लेकिन इसके बावजूद पारा शिक्षकों की दशा और दिशा सुधारने की पहल सरकार ने नहीं की। जिलाध्यक्ष चंदन ने तीन सूत्री मांगों से अवगत कराते हुए बताया कि गत वर्ष नवंबर में हमारा आंदोनल प्रारंभ हुआ। कई साथी शहीद हो गए और कई आज बेबस लाचार है। हमने आंदोलन से पैर नहीं खींचा, सरकार हमारे साथ वार्ता करने आई थी। सहमति बनी लेकिन मांग पूरी नहीं हुई। इस बार मांग पूरी होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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बारिश भी नहीं डिगा सका कदम

पारा शिक्षकों ने करीब दो बजे सदर थाना में अपनी गिरफ्तारी दी। इससे पूर्व जुलूस की शक्ल में लोग समाहरणालय के समीप से एकत्रित होकर निकले और सदर थाना पहुंचे। गिरफ्तारी देने के बाद सदर थाना परिसर में हीं डेरा जमाए पारा शिक्षकों का कदम बारिश भी नहीं डिगा सकी।

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इन्होंने दी गिरफ्तारी

जिला सचिव शंकर प्रसाद, देवनारायण प्रसाद, प्रमोद मेहता,

आंदोलन में मनीष ठाकुर, मनोज मेहता, ऋषि रंजन, संजीत कुमार सिंह, राजेंद्र प्रसाद, कमलदेव यादव, अजीत कुमार, भोला राणा, रवि सिंह, चंपा कुमारी, अंजू मेहता, पुष्पा कुमारी, आश्रिता धान, सलोमी नाग, अनिता देवी, अनिल कुमार, संतोष पासवान, राजेंद्र यादव, मुंद्ीका राम, राजकिशोर राणा, श्यामदेव यादव, संजय कुमार, अजय मेहता, अनुज राम, अजित वर्मा, पवन कुमार, आलोक रंजन, रामचंद्र राम, सरोज राम, रामाशीष राम, इंद्रदेव कुमार, केसी राणा, सबिता मेहता, सुनीता देवी, कुंज बिहारी, रविद्र कुमार, रविद्र राणा, अशोक कुमार, राजेंद्र मेहता, दीपक देव, सुदास मेहता, देवनारायण प्रसाद, सुधीर कौशल, संजय पंडित, शमशेर आलम, विकास कुमार, सुनीता कुमारी, चमेली देवी, रीता देवी, अरुणा देवी, रेणु कुमारी, मोनिका एक्का, चंचला रानी, फुलमनी तिर्की, सुनीता कुमारी, निशा तिर्की, मंजू देवी, आशा कुमारी, उर्मिला देवी, मुन्नी कुमारी, सुमित्रा कुमारी, बिता देवी, अनिता देवी, चांदो साव, नरेंद्र कुमार महतो, रुपलाल राम, तेरेसा जोन, सुषमा हेम्ब्रम, सुखदेव महतो आदि का नाम शामिल है।

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