पत्थलगड़ी की धार कुंद कर गुमला एसपी बने बदलाव के विजेता

पावर कॉरीडोर नामक संस्था के जूरी ने एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा को बदलाव का विजेता घोषित किया है।

By Edited By: Publish:Sun, 16 Dec 2018 10:22 PM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 02:53 PM (IST)
पत्थलगड़ी की धार कुंद कर गुमला एसपी बने बदलाव के विजेता
पत्थलगड़ी की धार कुंद कर गुमला एसपी बने बदलाव के विजेता

रमेश कुमार पांडेय, गुमला। परिस्थितियां विषम होती हैं, विषम परिस्थितियों को देश समाज और कानून के अनुकूल बनाने में जो कामयाब होता है वहीं बदलाव का वाहक कहलाता है। वह विजेता के रूप में उभरता है। यह बात गुमला के वर्तमान एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के साथ भी लागू हुई है। पावर कॉरीडोर नामक संस्था के जूरी ने एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा को बदलाव का विजेता घोषित किया है। भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली जूरी ने आकांक्षी जिला या स्वच्छ भारत अभियान में बदलाव लाने वाले शख्स को बदलाव का विजेता घोषित किया है।

इस जूरी में उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा, भारत के चुनाव आयोग के पूर्व सदस्य एसवाई कुरैशी, पदमविभूषण से सम्मानित सोनल मानसिंह, पूर्व सीबीआई निदेशक अनिल कुमार सिन्हा, सीबीएफसी के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहालानी, नीति आयोग के एडीशनल सेक्रेटरी योगेन्द्र माथुर, आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष अमित बजाज, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पीए शिवकुमार शर्मा, भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र चंद्र गुप्ता की जूरी ने गुमला एसपी को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया है। यह जानकारी पावर कॉरीडोर के कार्यपालक संपादक नरेश सोनी ने गुमला एसपी को दी है।

पत्थलगड़ी आंदोलन को रोकने का मिला इनाम
खूंटी में पदस्थापित रहते हुए एसपी अश्विनी कुमारी सिन्हा के नेतृत्व में पत्थलगड़ी आंदोलन और अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में अंकुश लगाने में कामयाबी पाई थी। एक ओर आंदोलन को धार देने वाले कुंदन पहान के बड़े भाई को जहां एसपी सिन्हा ने आत्मसमर्पण कराया था, वहीं उसके मंझले भाई को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा दर्जनों की संख्या में माओवादी और पीएलएफआइ के उग्रवादियों को गिरफ्तार करने या मुठभेड़ में मार गिराने में पुलिस को कामयाबी मिली थी। उसी दौरान पत्थलगड़ी का आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया था। खूंटी थाना के गांवों में एक सौ से अधिक पुलिस कर्मियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था। जिसे एसपी ने अपने सूझ बूझ से सकुशल रिहा भी कराया था। पत्थलगड़ी के आंदोलन ने सरकार और खूंटी के लोगों को बेचैन कर दिया था। उस आंदोलन की धार को कुंद करते हुए समाजिक शांति की बहाली और विकास के रास्ते को प्रशस्त करने से जो बदलाव आया था, उसी के कारण इन्हें बदलाव का वाहक या बदलाव का विजेता पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार के लिए चयनित होने पर समाज के विभिन्न वर्गों ने एसपी सिन्हा को अपनी शुभकामना भी दी है।

मैंने सिर्फ अपना फर्ज निभाया
एसपी पुरस्कार के लिए चयनित गुमला के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा का कहना है कि खूंटी हो या अन्य कोई स्थान। मैंने अपने दिए गए दायित्व को निभाने में विश्वास किया है। उन्हें भी पुरस्कार के लिए चयनित किए जाने की जानकारी मिली है। उन्हें काम का इनाम सम्मान के रूप में मिला है।

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