गोड्डा की तीन विस सीटों पर बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

र संहिता लागू कर दी जाएगी। इसी को ध्यान में रखकर चुनाव मैदान में संभावित प्रत्याशी अपनी जमीन तलाशने में जुट गए हैं। एक ओर जहां भाजपा अपनी तैयारी में जुटी हुई है वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की अनिश्चितता के बीच कांग्रेस राजद झाविमो व झामुमो के संभावित उम्मीदवार अपने अपने तरीके से क्षेत्र भ्रमण कर प्रचार मुहिम में अपनी ताकत झोंक रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों चुनाव से पूर्व जनता की नब्ज टटोलने का प्रयास भी शुरू कर दी है। वहीं दूसरी ओर जिले में दो राष्ट्रीय पार्टी में आपसी गुटबाजी भी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 08:20 PM (IST) Updated:Fri, 01 Nov 2019 06:41 AM (IST)
गोड्डा की तीन विस सीटों पर बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
गोड्डा की तीन विस सीटों पर बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

- जिले की तीन विस सीटों में से दो पर भाजपा व एक पर झाविमो काबिज

- महागठबंधन की अनिश्चितता के बीच संभावितों ने प्रचार में झोंक रही है ताकत

संवाद सहयोगी, गोड्डा: आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। माना जा रहा है माह के अंतिम सप्ताह में चुनाव आचार संहिता लागू कर दी जाएगी। इसी को ध्यान में रखकर चुनाव मैदान में संभावित प्रत्याशी अपनी जमीन तलाशने में जुट गए हैं। एक ओर जहां भाजपा अपनी तैयारी में जुटी हुई है वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की अनिश्चितता के बीच कांग्रेस, राजद, झाविमो व झामुमो के संभावित उम्मीदवार अपने अपने तरीके से क्षेत्र भ्रमण कर प्रचार मुहिम में अपनी ताकत झोंक रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों चुनाव से पूर्व जनता की नब्ज टटोलने का प्रयास भी शुरू कर दी है। वहीं दूसरी ओर जिले में दो राष्ट्रीय पार्टी में आपसी गुटबाजी भी अलग अलग सीट के लिए चरम पर है। जिले में विधानसभा की तीन सीट है। इसमें गोड्डा, पोड़ैयाहाट व महगामा सीट शामिल है। गोड्डा व महागामा पर भाजपा काबिज है वहीं पोड़ैयाहाट पर झाविमो का कब्जा है। बीते विधानसभा चुनाव में गोड्डा में भाजपा व राजद के बीच आमने सामने का मुकाबला हुआ था। वहीं महगामा में भाजपा व झाविमो तथा पोड़ैयाहाट सीट पर झाविमो और भापजा के बीच संघर्ष हुआ था। अन्य दल भी चुनाव मैदान में थे लेकिन मुख्य मुकाबला से दूर रहे। समय के साथ परिस्थिति भी बदली है। इस बार भी तीनों विधानसभा में भाजपा बनाम अन्य के बीच ही मुकाबला होने के आसार हैं। इस बात का अहसास विपक्षी को भी है। यही कारण है कि महागठबंधन के घटक दल भी भाजपा को ही प्रतिद्वंद्वी मानकर चल रहे हैं। इस वर्ष ही मई माह में संपन्न लोस चुनाव में भाजपा व महागठबंधन की ओर से झाविमो के बीच जिले के तीनों विस सीटों पर सीधा मुकाबला हुआ था। लोस चुनाव में तीनों सीटों पर भाजपा ने निर्णायक बढ़त बनाई थी। इसमें सबसे ज्यादा बढ़त गोड्डा विस सीट से भाजपा को मिली थी, जबकि पोड़ैयाहाट में भी भाजपा को अप्रत्याशित बढ़त मिली थी। आसन्न चुनाव को लेकर जिले के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक दल के रणनीतिकार चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। इसमें भाजपा ने ग्राउंड लेबल पर काम भी शुरू कर दिया है। कमल संदेश साइकिल यात्रा के साथ सभी पंचायतों में सरकार की योजनाओं से आम लोगों को जोड़ कर चुनावी जमीन तैयार की जा रही है।

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गोड्डा विस :

गोड्डा विधानसभा में वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के रघुनंदन मंडल व राजद के संजय यादव के बीच सीधा मुकाबला हुआ था जहां भाजपा ने बड़े अंतर से राजद को हराया था। चुनाव के साल भर साल भर बाद ही विधायक रघुनंदन मंडल का निधन हो गया था। उपचुनाव में रघुनंदन मंडल के पुत्र अमित मंडल को भाजपा ने उतारा और सहानुभूति लहर से राजद पर फिर से बड़ी जीत दर्ज करने में पार्टी सफल रही। इस बार भाजपा अपनी सीटिग सीट को बचाने के लिए मजबूती तैयार कर रही है। राजद ने भी प्रचार प्रसार तेज कर दिया है। संजय प्रसाद यादव जो दो बार विधायक रह चुके है फिर से चुनाव प्रचार में जुट गये है। वहीं झामुमो के रवीन्द्र महतो और जदयू के अवधेश कुमार सिंह भी चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। गठबंधन नहीं होने की स्थिति में यहां कई पार्टियां ताल ठोंकती नजर आ सकती है। कांग्रेस की ओर से भी दावेदारी की जा रही है। महागामा विस : महागामा विधानसभा में बीते चुनाव में भाजपा के अशोक कुमार व झाविमो के शाहिद इकबाल के बीच मुकाबला हुआ था। भाजपा ने एक तरफा जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस के सीटिग विधायक राजेश रंजन मुख्य मुकाबले से बाहर हो गए थे। इस बार भाजपा के अशोक कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। आचार संहिता के पूर्व शिलान्यास उद्धाटन का कार्य यहां जोरों पर है। यहां कांग्रेस, जदयू सहित अन्य पार्टियों की ओर से प्रचार प्रसार तेज किया जा रहा है। यहां पर भाजपा बनाम अन्य से मुकाबले की संभावना है। महागठबंधन की तस्वीर भी साफ नहीं हो पाई है।

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पोड़ैयाहाट विस :

पोड़ैयाहाट विधानसभा हॉट सीट मानी जाती है। यहां से झाविमो के कद्दावर नेता प्रदीप यादव विधायक हैं जिन्हें बीते चुनाव में भाजपा के देवेन्द्र सिंह ने कड़ी टक्कर दी थी। भाजपा प्रत्याशी मामूली अंतर से चुनाव हार गये थे। यहां से प्रदीप यादव अबतक चार बार विधायक रह चुके है। दो बार भाजपा से व दो बार झाविमो से विधायक रहे है। जबकि इस बार भी अपना चुनाव प्रचार शुरू कर चुके हैं वहीं भाजपा के संभावित उम्मीदवार भी प्रचार में जुट गये है। पिछले चुनाव के प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक प्रशांत मंडल सहित कई अन्य दावेदार भी ताल ठोंक रहे हैं। यहां से झामुमो भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है जिसके संभावित घनश्याम यादव भी प्रचार में जुट हुए हैं। महागठबंधन का स्वरूप स्पष्ट होने पर ही यहां की तस्वीर साफ हो पाएगी।

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