स्कूल से शौच को गए बच्चे तालाब में डूबे

(गोड्डा) : मध्य विद्यालय नयानगर स्कूल से शौच करने गए दो बच्चों के तालाब में डूबने का मामला प्रकाश मे

By Edited By: Publish:Sun, 05 Jul 2015 01:06 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2015 01:06 AM (IST)
स्कूल से शौच को गए बच्चे तालाब में डूबे

(गोड्डा) : मध्य विद्यालय नयानगर स्कूल से शौच करने गए दो बच्चों के तालाब में डूबने का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि समय रहते दोनों बच्चों को तालाब से बाहर निकाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। दोनों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि नयानगर स्कूल की छात्रा सबीना खातून (6) एवं उसका छोटे भाई दिलसाद (4) शौच करने के लिए स्कूल के पास स्थित तालाब में गए थे। इसी क्रम में सबीना का पैर फिसल गया और पानी में जा गिरा। बहन को पानी में गिरते देख छोटा भाई बहन को बचाने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, लेकिन वह भी पानी में जा गिरा। सड़क पर जा रहे लोगों को बच्चों के डूबने का आभास हुआ तो उन्होंने दोनों बच्चों को पानी से निकाला। बच्चे बेहोश थे। आनन-फानन में उन्हें पास के अस्पताल में ले जाया गया। जहां चिकित्सीय जांच कर ईलाज आरंभ किया गया। कुछ घंटे के अंतराल के बाद एक बच्चे को होश आ गया, जबकि दूसरे को थोड़ी देर के बाद होश आ गया। मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी उदय कुमार को सूचना मिलते ही वे बच्चो को देखने नरेनी पहुंचे। चिकित्सकों ने दोनों बच्चों को खतरे से बाहर बताया है।

शौचालय रहने का क्या फायदा : बच्चों के तालाब में डूबने की घटना ने मध्य विद्यालय नयानगर स्कूल में शौचालय होने पर सवाल खड़ा कर दिया है। यह घटना पूरी तरह से स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा है। यदि विद्यालय में शौचालय नहीं है तो फिर आज तक यह बना क्यों नहीं और यदि है तो फिर इसका उपयोग बच्चों को करने क्यों नहीं दिया जाता?

दुमका घटना की हुई चर्चा : घटना के बाद दुमका में शौचालय की मांग को लेकर एक युवती द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना की चर्चा खूब हुई। लोगों का कहना है कि जब पूरा देश एक ओर शौचालय और स्वच्छता के लिए तत्पर्य है तो फिर मध्य विद्यालय में शौचालय को क्यों बंद कर रखा गया है। इस मामले पर स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

गैर जिम्मेदाराना दिखे बीईईओ : घटना के बाद स्थानीय बीईईओ जियाउल इस्लाम का ब्यान गैर जिम्मेदाराना रहा। इस्लाम ने कहा कि स्कूल में शौचालय तो है लेकिन बच्चे किसी कारणवश इसका उपयोग नहीं करते। उन्होंने यह जरूर कहा कि प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई होगी। लेकिन प्रत्येक माह होने वाली शिक्षकों की बैठक अथवा ली जाने वाली रिपोर्टिग में क्या इस बात की जानकारी बीईईओ को नहीं रहती की किस स्कूल में शौचालय चल रहा है या नहीं।

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