गंगोत्री से पैदल यात्रा पर निकले गुणवंत पहुंचे गिरिडीह

भारत माता के वीर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए एक दल उत्तराखंड गंगोत्री से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हुए निकला है यह दल उत्तरकाशी हरिद्वार फैजाबाद लखनऊ जौनपुर बनारस होते हुए देवघर और बासकीनाथ पहुंचकर गंगाजल गंगाजल अपील करेंगे और और दिवंगत और लोगों को श्रद्धांजलि देंगे देवघर जाने के कारण में यह दल सोमवार को कुछ देर के लिए गिरिडीह नोखा यहां राजपूत मोहल्ला स्थित निर्मल सिंह की आवाज में जय माता दी जागरण समिति के सौजन्य से उनकी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Sep 2019 12:36 AM (IST) Updated:Tue, 03 Sep 2019 12:36 AM (IST)
गंगोत्री से पैदल यात्रा पर निकले गुणवंत पहुंचे गिरिडीह
गंगोत्री से पैदल यात्रा पर निकले गुणवंत पहुंचे गिरिडीह

गिरिडीह : वतन के लिए शहीद होने वाले शहीदों की आत्मा को शांति दिलाने एक दल पैदल यात्रा पर निकला है जो गंगोत्री से जल लेकर चला है और देश के अनगिनत धर्मस्थानों का भ्रमण करते हुए बाबा बैद्यनाथ व बासुकीनाथ नाथ धाम में गंगाजल अर्पित कर पैदल यात्रा का समापन करेंगे। दल में शामिल गुणवंत जोशी अपने कांधे पर गंगाजल से भरे एक सुसज्जित कांवर लेकर चल रहे हैं जिनका जगह-जगह भव्य स्वागत किया जा रहा है। इसी क्रम में देवघर जाने के दौरान गिरिडीह में पैदल कांवर यात्री गुणवंत जोशी का लोगों ने स्वागत किया और शहर में ही रात्रि विश्राम भी कराया। गुणवंत जोशी उत्तराखंड के गंगोत्री से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा कर उत्तरकाशी, हरिद्वार, फैजाबाद, लखनऊ, जौनपुर, बनारस होते हुए देवघर और बासुकीनाथ पहुंचकर गंगाजल अर्पित करेंगे और देश की रक्षा को अपनी जान न्योछावर करने वाले वीर शहीदों की आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना करेंगे। देवघर जाने के कारण में यह दल गिरिडीह के राजपूत मोहल्ला स्थित निर्मल सिंह के आवास पर विश्राम किया। यहां जय माता दी जागरण समिति के राजू केसरी, बबलू रवानी, निर्मल सिंह, राजेश जालान समेत काफी संख्या में लोगों ने गुणवंत जोशी का भव्य स्वागत किया। गुणवंत ने बताया कि शहीदों की आत्मा शांति को लेकर पैदल यात्रा पर कांवर में गंगोत्री से गंगाजल लेकर निकला हूं जिसे बाबाधाम व बासुकीनाथ में अर्पित करूंगा। इससे पूर्व भी कोलकाता के खिदिरपुर और खाटू श्याम की पैदल यात्रा करने का काम किया है। उनकी इस बढ़ती उम्र में जज्बे को देखकर लोग काफी हैरान हैं लेकिन खुशी इस बात पर जता रहे हैं कि इस उम्र में ये शहीदों के सम्मान में गंगाजल से भरे कांवर लेकर निकले हें जो सबों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन रहे हैं।

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