जवानों की मौत पर होना चाहिए था राष्ट्रीय शोक: बाबूलाल

जासं, गिरिडीह: जब देश में किसी नेता का निधन होता है तो राष्ट्रीय शोक कम से कम तीन दिन घ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 11:18 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 11:18 PM (IST)
जवानों की मौत पर होना चाहिए था राष्ट्रीय शोक: बाबूलाल
जवानों की मौत पर होना चाहिए था राष्ट्रीय शोक: बाबूलाल

जासं, गिरिडीह: जब देश में किसी नेता का निधन होता है तो राष्ट्रीय शोक कम से कम तीन दिन घोषित होता है। राष्ट्रीय झंडे को झुका दिया जाता है। देश के प्रधानमंत्री का दौरा स्थगित कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि पुलवामा में 44 जवान शहीद हो गए, लेकिन राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाना तो दूर, प्रधानमंत्री योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। यह बातें झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने देर शाम न्यू सर्किट हाउस में दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि पुलवामा घटना के बाद पाकिस्तान को मिलने वाली विशेष सुविधा पर पाबंदी लगाना, सुरक्षा बलों को खुली छूट दिया जाना तो ठीक है, लेकिन इससे आगे बढ़कर प्रधानमंत्री को प्रयास करना चाहिए, क्योंकि यह घटना देश की भावना से जुड़ी है। देश से आतंकवाद को तत्काल एवं दीर्घकाल के लिए समाप्त किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीति और तेज करने की जरूरत है। इसके लिए झारखंड विकास मोर्चा सरकार के साथ है। गोड्डा सीट के मुद्दे पर कहा कि बातचीत चल रही है, अंतिम फैसला आना बाकी है। महागठबंधन में जो भी फैसला लिया जाएगा, वहीं मान्य होगा।

संघर्ष यात्रा के बहाने उनके घर में झामुमो को सशक्त करने को लेकर हेमंत सोरेन के दौरे पर कहा कि किसी का कोई घर नहीं है। पूरा झारखंड उनके साथ ही सभी का घर है। अपने संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं का दौरा किया जाना स्वस्थ परंपरा है।

मौके पर केंद्रीय महासचिव खालीद खल्ली, केंद्रीय सचिव सुरेश साव, जिलाध्यक्ष महेश राम, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष साबिर अहमद खान, धनबाद के जिलाध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा, नवीन सिन्हा आदि उपस्थित थे।

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