एक साथ उठी पति-पत्नी और भतीजी की अर्थी

पीरटांड़ प्रखंड अंतर्गत बदगांवा पंचायत के राजपुरा में सोमवार शाम में वज्रपात की हुई घटन

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 07:30 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 07:30 PM (IST)
एक साथ उठी पति-पत्नी और भतीजी की अर्थी
एक साथ उठी पति-पत्नी और भतीजी की अर्थी

पीरटांड़ : प्रखंड अंतर्गत बदगांवा पंचायत के राजपुरा में सोमवार शाम में वज्रपात की हुई घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद गिरिडीह से तीनों शवों को गांव लाया गया। शवों को देख घर के पास जमा लोगों के चीत्कार से पूरा गांव दहल उठा। गांव के बगल में तीनों के शव को दफनाया गया। इस पूरे घटना क्रम में निवर्तमान मुखिया गिरिजा शंकर महतो व झामुमो जिला युवा मोर्चा के जिला सचिव ओम प्रकाश महतो ने स्वजनों का पूरा साथ दिया। घटना होने से लेकर शवों के अंतिम संस्कार तक वे गांव से श्मशान घाट तक डटे रहे। कतार से जेसीबी के मध्यम से गड्ढा कर तीनों के शव को विधि पूर्वक दफनाया गया। वहीं घायल अन्य दोनों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।

दोपहर में दंपती नीलकंठ राय व संझू देवी तथा नीलकंठ की भतीजी खुशी कुमारी का शव राजपुरा स्थित घर लाया गया। तीनों के शव के पास लोगों की भीड़ जमा हो गई। घर के साथ-साथ बाहर के लोग भी आंसू नहीं रोक पा रहे थे।

सोमवार शाम एक नव निर्मित घर में काम करने के बाद बारिश शुरू होने पर नीलकंठ राय, उसकी पत्नी संझू देवी, भतीजी व प्रकाश राय की एकलौती बेटी खुशी कुमारी, नीलकंठ की मां कौशल्या देवी व एक राजमिस्त्री लक्ष्मण महतो उसी नवनिर्मित घर के छज्जा के नीचे खड़े होकर बारिश से बच रहे थे। इसी दौरान घर के बगल स्थित कटहल के एक पेड़ पर वज्रपात हो गया। इससे पांचों लोग बेहोश हो गए। दो लोगों को वहीं होश आ गया, लेकिन तीन लोगों को होश नहीं आया। सभी को निजी वाहन से पीरटांड़ सीएचसी भेजा गया। वहां से सभी को सदर अस्पताल भेजा दिया गया, जहां तीनों की मौत की पुष्टि कर दी गई, जबकि घायल लक्ष्मण महतो व नीलकंठ की मां कौशल्या देवी का इलाज सदर अस्पताल में ही चल रहा है।

नीलकंठ के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। एक बेटा मनोज राय ढाई वर्ष व छह माह की बेटी अनुष्का है। दोनों इस घटना से अनजान हैं। दोनों की उसकी चाची ही देखभाल कर रही है। इधर, खुशी कुमारी प्रकाश राय की इकलौती बेटी थी। उसके दो भाई और हैं।

झामुमो युवा मोर्चा के जिला सचिव ओमप्रकाश महतो ने कहा कि इतनी बड़ी दुखद घटना होने के बावजूद प्रखंड स्तर के एक भी अधिकारी ने मृतकों के गांव पहुंचना एवं उनके आश्रितों को ढाढ़स देना उचित नहीं समझा। इस घटना से पूरे इलाके में मातम छा गया है। चाहकर भी लोग अपने आंसू को नहीं रोक पा रहे हैं।

इधर, सीओ विनय प्रकाश तिग्गा ने कहा कि घटना की जानकारी मिली। सभी कागजात मिलने पर जल्द ही आपदा के तहत मुआवजा दिलाने को लेकर प्रतिवेदन जिला को भेजा जाएगा।

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