योजनाओं की समीक्षा में छाया रहा भ्रष्टाचार का मुद्दा

संवाद सहयोगी, बेंगाबाद (गिरिडीह): प्रखंड परिसर स्थित किसान भवन में पंसस की बैठक सोमवार को

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Oct 2018 07:05 PM (IST) Updated:Mon, 29 Oct 2018 07:05 PM (IST)
योजनाओं की समीक्षा में छाया रहा भ्रष्टाचार का मुद्दा
योजनाओं की समीक्षा में छाया रहा भ्रष्टाचार का मुद्दा

संवाद सहयोगी, बेंगाबाद (गिरिडीह): प्रखंड परिसर स्थित किसान भवन में पंसस की बैठक सोमवार को प्रमुख रामप्रसाद यादव की अध्यक्षता में हुई। इसमें योजनाओं की समीक्षा के अलावा भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा। सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रखंड क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर योजनाओं का लाभ लोगों को दिया जा रहा है, जिससे वास्तविक लाभुक योजना के लाभ से वंचित रह रहे हैं। प्रमुख ने कहा कि एक्ट के नियमों को ताक पर रखकर योजनाओं की स्वीकृति में पंस सदस्यों को उपेक्षित किया जा रहा है। इसका लाभ दिलाने में पदाधिकारी और प्रतिनिधि में समन्वय व आपसी सहमति जरूरी है।

प्रखंड में बंद पड़ी हैं 16 जलापूर्ति योजनाएं: पीएचईडी की समीक्षा के दौरान प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में निर्मित सभी 16 जलापूर्ति योजनाओं के बंद रहने का मुद्दा उठाया गया। प्रमुख ने कहा कि लाखों की लागत से विभाग ने इन महत्वाकांक्षी योजनाओं का निर्माण कराया है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभाग इस दिशा में पहल करे। विभागीय जेई ने कहा कि 16 में से दो अभी चालू अवस्था में हैं।

ताराटांड़ और मानजोरी में रिश्वतखोरी का बोलबाला: ताराट़ांड़ की पंसस मंजू देवी और मानजोरी की पंसस मीना देवी ने पंचायतों में भ्रष्टाचार का मामला उठाया। मीना देवी ने कहा कि बगैर रिश्वत के गरीबों को मुर्गी शेड, बकरी शेड आदि योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। बिचौलियों के संपर्क में रहनेवालों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। मंजू देवी ने कहा कि पंचायत में रिश्वतखोरी इस कदर हावी है कि जेई को कमीशन नहीं देने के कारण कूप निर्माण के पैसे की निकासी नहीं हो पा रही है। पंसस उमेश तिवारी ने शिक्षा विभाग का मामला उठाते हुए कहा कि बीईईओ नियमों को ताक पर रखकर पारा शिक्षकों का युक्तिकरण कर रहे हैं, जिससे आक्रोश पनप रहा है।

कर्मी नियमित रूप से पंचायत भवन में बैठें: सदस्यों ने सचिवालयों में पंचायत सचिव, रोजगार सेवक व राजस्व कर्मचारी के नियमित रूप से नहीं बैठने का मुद्दा उठाया। कहा कि भवन में कर्मियों के नहीं रहने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सर्वसम्मति से कर्मियों के नियमित रूप से सचिवालयों में बैठने का प्रस्ताव पारित किया गया। कहा गया कि सचिवालय से गायब रहने पर कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा।

मौके पर एमओ अरुण कुमार सिन्हा, बीईईओ पुष्पा कुमारी, डा. जय आनंद ¨सह, पितांबर झा, बीपीओ सुरेन्द्र बरनवाल, केडी ¨सह, मीना देवी, दिवाकर सोनार, देवदत्त यादव, उमेश तिवारी, मालती देवी, सोनिया देवी, सुमित्रा देवी, श्रीकांत राणा आदि उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी