यहां स्थापना काल से ही अस्पताल बंद

निमियाघाट (गिरिडीह) : डुमरी प्रखंड के पूर्वाखंड स्थित लक्ष्मणटुंडा पंचायत की आबादी करीब छह हजार है।

By Edited By: Publish:Fri, 31 Jul 2015 07:04 PM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2015 07:04 PM (IST)
यहां स्थापना काल से ही अस्पताल बंद

निमियाघाट (गिरिडीह) : डुमरी प्रखंड के पूर्वाखंड स्थित लक्ष्मणटुंडा पंचायत की आबादी करीब छह हजार है। पारसनाथ पहाड़ की तराई में बसी इस पंचायत के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। इस पंचायत में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

एनएच-2 से दो किमी अंदर स्थित इस पंचायत में कई गांव हैं, जहां सड़क की स्थिति जर्जर होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है। गांव में बिजली के तार-पोल एवं ट्रांसफार्मर की स्थिति खराब रहने के कारण लोग ढिबरी युग में जीने को विवश हैं।

स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर लक्ष्मणटुंडा में एक उपस्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो यह स्थापना काल से अब तक खुला ही नहीं। डुमरी प्रखंड में एक रेफरल अस्पताल, दो अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र और चौदह प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं का घोर अभाव है। डॉक्टरों की लापरवाही और सुविधा के अभाव में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है।

ग्रामीण सुरेंद्र कुमार साहू, भीम कुमार, टिको साव, विसनी देवी, विक्रम कुमार, छोटू कुमार आदि ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर-एएनएम कभी आते ही नहीं हैं और न ही केंद्र खुलता है। रखरखाव के अभाव में केंद्र के भवन में लगे खिड़की-दरवाजा को चोरों ने उखाड़ लिया। केंद्र के आसपास मवेशियों का जमघट लगा रहता है। इस केंद्र की देखरेख करनेवाला कोई नहीं है।

गांव में अस्पताल होने के बाद भी इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। इसकी शिकायत प्रशासन से की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। चिकित्सा प्रभारी अजय कुमार सिन्हा ने कहा कि डॉक्टर की कमी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। यहां की समस्या से विभाग के आला अधिकारी को अवगत करा दिया गया है।

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