बांका के 12 बच्चों को छत्तीसगढ़ ले जाने से रोका

बिहार के बांका जिले से 12 नाबालिग बाों को मदरसा में पढ़ाने के नाम पर छत्तीसगढ़ ले जाने से जमुआ थाना पुलिस ने रोक दिया है। पुलिस ने सभी नाबालिग बाों एवं उन्हें ले जा रहे मौलवी को बुधवार की देर रात विजय रथ नामक बस से जमुआ में उतार कर कब्जे में ले लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jun 2019 11:35 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2019 11:35 PM (IST)
बांका के 12 बच्चों को छत्तीसगढ़ ले जाने से रोका
बांका के 12 बच्चों को छत्तीसगढ़ ले जाने से रोका

गिरिडीह : बिहार के बांका जिले से 12 नाबालिग बच्चों को मदरसा में पढ़ाने के नाम पर छत्तीसगढ़ ले जाने से जमुआ थाना पुलिस ने रोक दिया है। पुलिस ने सभी नाबालिग बच्चों एवं उन्हें ले जा रहे मौलवी को बुधवार की देर रात विजय रथ नामक बस से जमुआ में उतार कर कब्जे में ले लिया। जमुआ थाना पुलिस ने जिला बाल कल्याण समिति के हवाले सभी बच्चों को कर दिया। साथ ही मौलवी के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की। गुरुवार को दिनभर जांच करने के बाद बाल कल्याण समिति ने सभी बच्चों को वापस उनके घर भेजने का निर्णय लिया। इधर मौलवी से गुरुवार देर शाम तक जमुआ थाना में पूछताछ की जा रही है।

इस तरह से हुआ मामले का खुलासा : जमुआ के थानेदार संतोष कुमार और इंस्पेक्टर विनय राम बुधवार की रात सभी नाइट बसों की चेकिग कर रहे थे। इस दौरान विजय रथ नामक बस में मो. मुजस्सम नाम का एक मौलवी 12 नाबालिग बच्चों के साथ सफर करते मिला। मौलवी को एक साथ इतनी संख्या में छोटे-छोटे बच्चों को अपने साथ ले जाते देख पुलिस को शक हुआ। उन्हें पूछताछ के लिए वाहन से उतारा गया। मौलवी ने पुलिस को बताया कि वह सभी बच्चों को बांका (बिहार) से मदरसे में पढ़ाई कराने के लिए छत्तीसगढ़ जसपुर लेकर जा रहे हैं। वहां गरीब नवाज मदरसा में सभी को पढ़ाया जाएगा। रांची में बस से उतरकर दूसरे वाहन से आगे का सफर वे तय करते। बच्चे को उनके घर से ले जाने या छत्तीसगढ़ के मदरसे में पढ़ाने से संबंधित किसी तरह का डॉक्यूमेंट हाफिज ने पुलिस के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। मदरसा का प्रमाण पत्र भी नहीं दिखा सका। मौलवी खुद राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला है। सभी बच्चे बांका जिले के बाराहाट थाना क्षेत्र अंतर्गत खड़ीहारा गांव के रहने वाले हैं।

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