गढ़वा में हो रही दूषित जलापूर्ति

By Edited By: Publish:Wed, 23 Apr 2014 09:34 PM (IST) Updated:Wed, 23 Apr 2014 09:34 PM (IST)
गढ़वा में हो रही दूषित जलापूर्ति

गढ़वा : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। 15 दिनों से शहर में गंदा एवं दूषित पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। लोगों के घरों तक पहुंचने वाला पानी से बदबू आ रही है। इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। कई लोगों ने इसकी शिकायत विभाग के पदाधिकारियों से की है। मगर उनके कानों में जूं नहीं रेंगा। दूषित जलापूर्ति किए जाने से शहर में महामारी की आशंका बढ़ गई है। लोग आपूर्ति किए जा रहे गंदे पानी का उपयोग पीने में करने से परहेज कर रहे हैं। उनके समक्ष पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। लोग पानी के लिए भटक रहे हैं। ऐसी स्थिति लगभग पूरे बाजार क्षेत्र में है।

- जलापूर्ति के पानी में नाले जैसा बदबू आ रहा है। इसे पीकर कभी भी लोग बीमार पड़ सकते हैं। शहर में महामारी भी फैल सकती है।

आनंद अग्रहरी, अग्रहरी मुहल्ला गढ़वा

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- लगातार 15 दिनों से दूषित जल की आपूर्ति की जा रही है। शिकायत के बावजूद विभाग के लोगों को इसकी चिंता नहीं है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

विनोद अग्रवाल, जोड़ा मंदिर रोड गढ़वा

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- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा गंदा पानी आपूर्ति किया जाना बहुत ही शर्मनाक बात है। लोगों की शिकायत भी नहीं सुनी जाती। यदि महामारी फैलती है तो इसका जवाबदेह विभाग होगा।

प्रदीप केसरी, पुरानी बाजार, गढ़वा

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- पानी से बदबू भी आता है। यह पानी बिल्कुल पीने योग्य नहीं है। लोग इसके सेवन से परहेज कर रहे हैं।

नगीना देवी, गढ़वा

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- 15 दिनों से सरकारी नल से गंदा पानी आ रहा है। इसका उपयोग कपड़ा धोने में भी नहीं किया जा सकता। पानी बेकार बहता रहता है। हमें पानी दूसरी जगह से ढोना पड़ रहा है।

सुनीता देवी, गढ़वा।

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कोट:::::::::::::::::

इसकी जानकारी मिली है। जेई को जांच करने के लिए कहा गया है। पाइप में लिकेज के कारण ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है। इसे ठीक कराया जाएगा।

-प्रदीप कुमार चौधरी

कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, गढ़वा

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50 घरों के बीच एक चापाकल

गढ़वा : गढ़वा नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 16 में सोनपुरवा के महुराम टोला विकास से कोसो दूर है। पचास घरों के लोग महज एक चापाकल के भरोसे हैं। भीड़ से बचने के लिए यहां के लोगों को आधा किलोमीटर तक की दूरी तय कर पानी लाना पड़ रहा है। महुराम टोला में सड़क, शिक्षा व पेयजल का घोर अभाव है।

वार्ड पार्षद के उदासीन रवैया से यहां के लोग क्षुब्ध हैं। इस टोला पर तीन चापाकल है मगर दो चापाकल पहले ही जवाब दे चुका है। अपनी प्यास बुझाने के लिए लोग एक ही चापाकल पर निर्भर हैं। आधी रात्रि से ही पानी के लिए यहां लाईन लगाना पड़ता है। स्नान करने के लिए लोगों को अपनी बारी आने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। साथ ही विद्यालय नहीं होने से यहां के बच्चे शिक्षा से भी दूर हैं।

एक चापाकल पर ही पचास घरों के लोग आश्रित हैं। इस टोले पर मजदूर वर्ग के लोग रहते हैं। किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

पानी लाने में काफी परेशानी होती है। दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। लोगों के लिए पानी जल्द नही मिलता है, वहीं मवेशी को पानी के लिए भटकना पड़ता है।

स्नान करने के लिए भी घंटों लाईन में लगना पड़ता है। एक चापाकल से ही हमलोग अपनी प्यास बुझाते हैं। नगर पंचायत का लाभ नही मिल रहा है।

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4. पेयजल के लिए आधा किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है। वार्ड पार्षद का कोई ध्यान नही है। दो चापाकल खराब पड़ा हुआ है। मगर नगर पंचायत द्वारा बनवाया नही जा रहा है।

एक चापाकल है। उस पर भीड़ होने के बाद झगड़ा भी पानी लेने के लिए होने लगता है। पानी के बिना घर का कामकाज नहीं चल सकता। हम गरीबों की सुनने वाला कोई नही है।

पानी की दिक्कत होती है। वोट के समय वार्ड पार्षद आते हैं। परेशानी जानने के लिए उनके पास समय नही है। टोला पर समस्या ही समस्या है।

कोट:::::::

नगर पंचायत द्वारा खराब पड़े चापाकलों को युद्ध स्तर पर बनवाया जा रहा है। महुराम टोला के मस्जिद के पास डीप बोर कराया गया है। जलस्तर नीचे जाने से कुछ चापाकल से पानी नही निकल रहा है।

-पिंकी केसरी, नगर पंचायत अध्यक्ष, गढ़वा।

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