कठलडीहा-मुड़जोड़ा में पेयजल संकट

जागरण संवाददाता दुमका सदर प्रखंड दुमका के रानीबहाल पंचायत के कठलडीहा और मुड़जोड़

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 06:39 PM (IST)
कठलडीहा-मुड़जोड़ा में पेयजल संकट
कठलडीहा-मुड़जोड़ा में पेयजल संकट

जागरण संवाददाता, दुमका : सदर प्रखंड दुमका के रानीबहाल पंचायत के कठलडीहा और मुड़जोड़ा गांव के ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। दोनों गांवों के कई टोलों में चापाकल महीनों से खराब है। कठलडीहा गांव में बाजपाड़ा टोला, ऊपर टोला और नीमपाड़ा टोला पड़ता है। इसमें बाजपाड़ा टोला और ऊपर टोला में पेयजल संकट है। बाजपाड़ा टोला में करीब 15 घर है और 80 लोगों की आबादी है। इस टोला में मात्र एक चापाकल है जो लंबे समय से खराब है। सुमित्रा राय, सधुवती राय, अमावती राय, गांधी राय, संचरिया राय, सुगिया राय, शकुंतला राय, सिदो देहरी आक्रोशित लहजे में कहती हैं कि पेयजल संकट से जूझ रही हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। करीब एक साल से इस टोला का चापाकल खराब है।

हाकिम और जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर थक चुके हैं। लाचारी में दूसरे टोला से ढोकर पानी लाते हैं। ऊपर टोला में भी पेयजल संकट है। इस टोला में करीब 200 की आबादी है। चार में तीन चापाकल खराब है। टोला से दूर एक सोलर टंकी है जिसका चापाकल खराब है। सोलर टंकी ठीक है, लेकिन नल टूटा हुआ है। मिलन राय के घर के सामने का चापाकल करीब एक वर्ष से खराब है। मैनेजर राय के घर के सामने का चापाकल करीब छह महीने से खराब है। रवि राय के घर के सामने का चापाकल एक माह से खराब है। गांव के आंगनबाड़ी का चापाकल भी कई माह से खराब है। मिलन राय, दुर्गा देवी, चांदमुनि देवी, सूर्या देवी, सुलोचना देवी का कहना है कि बड़ी परेशानी हो रही है। लाचारी में कुएं का पानी पीना पड़ रहा है।

इधर मुड़जोड़ा गांव में कुल सात टोला है। स गांव के हाटपाड़ा, पहाड़गोड़ा, बोड़दोहा टोला में चापाकल कई माह से खराब है। हाटपाड़ा में करीब 26 घर है और एक चापाकल है जो एम माह से बंद है। इसी टोला के दिलीप सोरेन,राजेश हेंब्रम, संजली सोरेन, पानसोल मरांडी का कहना है कि पीने का पेयजल संकट है। सरकार शीघ्र चापाकलों को ठीक कराए या फिर नया चापाकल लगवाए। पहाड़गोड़ा टोला में करीब 22 घर है। सुकुमार राय के घर के सामने का चापाकल करीब एक वर्ष से खराब है। मणिलाल राय के घर के सामने का चापाकल चार से पांच बाल्टी पानी देता है। अंजना देवी, मोनिलाल राय, सुकुमार राय, साधु राय समेत कई ग्रामीणों का कहना है कि जब मिस्त्री द्वारा चापाकल का मरम्मत किया गया था तो सड़े हुए पाइप को निकाल दिया गया लेकिन उसके बदले दूसरा पाइप नहीं लगाया गया। इसके कारण समस्या जस की तस है।

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