निर्मल गांव के लोग खुले में जाते शौच

सरैयाहाट : उपायुक्त मुकेश कुमार द्वारा दो अक्टूबर को जिले को ओडीएफ करने की घोषणा क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 04:24 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 04:24 PM (IST)
निर्मल गांव के लोग खुले में जाते शौच
निर्मल गांव के लोग खुले में जाते शौच

सरैयाहाट : उपायुक्त मुकेश कुमार द्वारा दो अक्टूबर को जिले को ओडीएफ करने की घोषणा को लेकर प्रशासनिक स्तर पर शौचालय निर्माण की गति तेज कर दी गई है। लेकिन बने शौचालय का उपयोग कितना हो सकेगा एवं ओडीएफ कितना दिन तक टिक सकेगा। यह आनेवाले समय में पता चल सकेगा। उदाहरण स्वरूप सरैयाहाट प्रखंड के सरैया पंचायत पर एक नजर डालें। जो वर्ष 2007 में निर्मल ग्राम के रूप में घोषित है। जिसे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है। लेकिन अभी भी इस पंचायत के लोग खुले में ही शौच जा रहे हैं। प्रतिदिन सूर्य उदय के पहले महिलाएं, बच्चे एवं बड़े लोगेा को खुले में शौच करते देखा जा रहा है। जो निर्मल ग्राम के नाम पर कलंक है। जानकारी के अनुसार इस पंचायत में सरैयाबस्ती, जमुआ एवं सरैयाहट तीन गांव है। जिसकी आबादी तकरीबन 54 सौ से अधिक है। जहां दलित, पहाड़िया, मोहली, पिछड़ी एवं सामान्य वर्ग के लोग रहते हैं। पंचायत को निर्मल ग्राम घोषित कराने के लिए जिला पेयजल एवं स्वच्छता समिति द्वारा काफी सराहनीय योगदान रहा है। इसके लिए एक स्वयंसेवी संस्था संगीत चेतना द्वारा दो सौ से अधिक शौचालय का निर्माण कराया गया। जिसमें एक भी शौचालय नजर नहीं आता है। कहीं-कहीं एक दो नमूने के तौर पर पेन एवं ढक्कन नजर आ जाता है। ग्रामीणों की माने तो शौचालय निर्माण के नाम पर पेन एवं ढक्कन संस्था द्वारा दिया गया और टटिया से घेरने को कहा गया। यह शौचालय महीना भर भी नहीं चला। खुले में शौच करना मजबूरी है। लोगों को सुबह-सुबह बोतल में पानी लेकर शौच के लिए बाहर जाते आसानी से देखा जा सकता है। वहीं कई लोग बड़का बांच को शौच करने का स्थान चुना है। जो बरकरार है। निर्मल ग्राम का मापदंड स्वच्छता पर आधारित है। लेकिन यहां सभी जगह गंदगी ही गंदगी नजर आती है। जानकारी के अनुसार ओडीएफ की तैयारी के लिए सरैया पंचायत को 206 शौचालय बनाने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन मुखिया एवं जलसहिया की मनमानी रवैया के कारण मात्र 45 शौचालय निर्माण का आंकड़ा प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध है। जबकि ओडीएफ घोषणा होने में कुछ ही दिन बाकी रह गया है। यह स्थित प्रखंड मुख्यालय की पंचायत का है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अन्य सुदूर पंचायतों की स्थिति क्या होगी। ऐसे में दो अक्टूबर को जिले को ओडीएफ घोषित करने की बात बेमानी साबित हो सकती है।

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