प्राचीन माटी कला को मिलेगी आधुनिकता की छत्रछाया

बासुकीनाथ मिट्टी के कारीगरों (कुंभकारों) के द्वारा चाक पर बनाए जानेवाले प्राचीन व परंपरागत तरीके के मिट्टी के बर्तन विभिन्न प्रकार की प्रतिमा कुल्हड़ मटका गुल्लक बनाने के प्राचीन तरीकों को अब इंजीनियरिग कॉलेज में विशेष प्रशिक्षण देकर पुनर्जीवित करने की कवायद की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 07:28 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 07:28 PM (IST)
प्राचीन माटी कला को मिलेगी आधुनिकता की छत्रछाया
प्राचीन माटी कला को मिलेगी आधुनिकता की छत्रछाया

बासुकीनाथ : मिट्टी के कारीगरों (कुंभकारों) के द्वारा चाक पर बनाए जानेवाले प्राचीन व परंपरागत तरीके के मिट्टी के बर्तन, विभिन्न प्रकार की प्रतिमा, कुल्हड़, मटका, गुल्लक बनाने के प्राचीन तरीकों को अब इंजीनियरिग कॉलेज में विशेष प्रशिक्षण देकर पुनर्जीवित करने की कवायद की जा रही है। झारखंड सरकार द्वारा संचालित जरमुंडी प्रखंड स्थित गवर्नमेंट टूल्स रूम एंड ट्रेनिग सेंटर जरदाहा के छात्रों को अब इंजीनियरिग के ज्ञान के साथ माटी कला का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्राचार्य अनूप कुमार ने बताया कि झारखंड माटी कला बोर्ड के माध्यम से जरदाहा में अध्ययनरत सभी छात्रों को माटी कला का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण केंद्र का भी निर्माण किया जा रहा है। झारखंड माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष चंद्र प्रसाद व अन्य ने संस्थान का भ्रमण किया एवं यहां बनाए जा रहे माटी कला प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। सरकार के अथक प्रयास से विलुप्त होती जा रही माटी कला फिर से जीवंत होते हुए दिखाई देगी। यहां पारंपरिक के साथ-साथ मॉडर्न तरीके से भी मिट्टी की कलाकृति बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मिट्टी की कलाकृति बनाने, मिट्टी के उत्पाद, कप, कुल्हड़, टोकरी, गमला, तश्तरी, प्लेट, विभिन्न देवी- देवताओं की मूíतयां सहित अन्य प्रकार के बर्तन व मिट्टी से बनी सामग्री का निर्माण कराया जाएगा। कला बोर्ड के अध्यक्ष चंद्र प्रसाद ने कहा कि सरकार की इस पहल से मिट्टी व्यवसाय से जुड़े लोगों की आíथक स्थिति सुदृढ़ होगी एवं पुराने परंपरागत तरीकों को नई शैली की कलाकृति का साथ मिलेगा तो निश्चित तौर पर इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का आíथक उन्नयन होगा। कहा कि मिट्टी कला केंद्र में प्रशिक्षित कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी एवं लोगों को मिट्टी के बर्तन के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। मौके पर संस्थान के कर्मी आलोक कुमार रंजन, अजीत कुमार, बिहारीलाल धीरेंद्र कुमार, रामजनुल हक, धर्मवीर कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी