गुरु के ज्ञान का हमेशा करें सम्मान : प्रोवीसी

दुमका स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में मंगलवार को स्नातकोत्तर पास छात्र एवं छात्राओं के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शर्मा ने कहा कि एमए की डिग्री प्राप्त करना अपने आप में एक महत्वपूर्ण बात है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 04:55 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 04:55 PM (IST)
गुरु के ज्ञान का हमेशा करें सम्मान : प्रोवीसी
गुरु के ज्ञान का हमेशा करें सम्मान : प्रोवीसी

दुमका : स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में मंगलवार को स्नातकोत्तर पास छात्र एवं छात्राओं के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शर्मा ने कहा कि एमए की डिग्री प्राप्त करना अपने आप में एक महत्वपूर्ण बात है। सभी छात्र एवं छात्राओं को यहां तक पहुंच पाना कठिन कार्य है। प्राप्त ज्ञान के आधार पर जीवन के तमाम बाधाओं का सफलता पूर्वक समाधान खोज निकालने में सफल हो पाएंगी। गुरु के द्वारा दिए गए ज्ञान का सम्मान हमेशा करना चाहिए। यही कारण है कि प्राचीन ग्रन्थेा में गुरु को शिव, ब्रह्मा और विष्णु के समतुल्य माना गया है।

उन्होंने कहा कि विवि के उन सभी अच्छी बातों की परम्परा का सम्मान करना भी आवश्यक है। विवि में संसाधनों का घोर अभाव है हालांकि धीरे-धीरे संसाधन की जरूरत पूरी की जा रही है। ज्ञान विद्याíथयों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। विवेक से अíजत ज्ञान का विस्तार करते रहना ही प्रगति का सूचक है। यही उत्तरोत्तर विकसित ज्ञान किसी भी राष्ट्र की पूंजी है। इसी आधार पर वह राष्ट्र आगे बढ़ता हुआ मानव समाज की आंख बनती है। विभागाध्यक्ष विनय कुमार सिन्हा ने छात्रों से कहा कि अध्ययन एक सतत प्रक्रिया है। इसे निरंतर बनाए रखने का आग्रह किया ताकि आगे वह अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकें।

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