पानी के लिए तड़प रही जनता की किसी को परवाह नहीं, झमाडा कर्मचारियों का आंदोलन जारी Dhanbad News

सोमवार को झमाडा कर्मियों का हड़ताल चौथे दिन भी जारी रहा। जामाडोबा जल संयत्र केंद्र से जलापूर्ति न होने की वजह से झरिया लेकर इसके आसपास के इलाके में जलापूर्ति बाधित रही।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 01:30 PM (IST)
पानी के लिए तड़प रही जनता की किसी को परवाह नहीं, झमाडा कर्मचारियों का आंदोलन जारी Dhanbad News
पानी के लिए तड़प रही जनता की किसी को परवाह नहीं, झमाडा कर्मचारियों का आंदोलन जारी Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) की हड़ताल के कारण झरिया कोयलांचल की करीब दस लाख की आबादी चार दिन से हलकान-परेशान है। पेयजल के लिए उधऱ से ऊधर मारे-मारे फिर रही है। पानी से परेशान जनता की किसी को भी चिंता नहीं है। हड़ताल को तुरंत समाप्त करवा पेयजलापूर्ति बहाल करवाने के बजाय जिला प्रशासन, माडा प्रबंधन और जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने हुए हैं। दूसरी तरफ सोमवार को झमाडा के हड़ताली कर्मचारियों ने झरिया से आकर मुख्यालय धनबाद में प्रदर्शन किया।

सोमवार को झमाडा कर्मियों का हड़ताल चौथे दिन भी जारी रहा। जामाडोबा जल संयत्र केंद्र से जलापूर्ति न होने की वजह से झरिया लेकर इसके आसपास के इलाके में जलापूर्ति बाधित रही। लगभग दस लाख की आबादी पिछले चार दिन से पानी के लिए जददोजहद कर रही है। अभी तक माडा कर्मी जामाडोबा में ही हड़ताल और प्रदर्शन करते रहे, लेकिन सोमवार को सभी धनबाद मुख्‍यालय पहुंच गए और जमकर नारेबाजी की। हड़ताल कर रहे एक गुट प्राधिकार कर्मचारी संघ का ने कहा कि छठे वेतनमान और 44 माह के बकाया भुगतान के लिए पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन समझने को तैयार नहीं है।

कर्मचारियों ने माडा के धनबाद मुख्‍यालय का कार्य ठप कर दिया। हालांकि लोगों को हो रही असुविधा को देखते हुए माडा और नगर निगम पुरजोर कोशिश कर रहा है। रविवार के बाद सोमवार को भी नगर निगम ने टैंकर प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति की। पेयजल एवं स्‍वच्‍छता विभाग के कर्मी भी जामाडोबा जल संयत्र चालू करने के प्रयास में लगे हैं। हालांकि मैन पावर कम होने की वजह से अभी तक जामाडोबा जल संयत्र चालू नहीं हो सका है। झमाडा एमडी चंद्र मोहन कश्यप के अनुसार जल्‍द ही जलापूर्ति बहाल हो जाएगी। यहां बता दें कि 44 माह से अधिक वेतन बकाया और नियमित वेतन मिलने से नाराज झमाडा कर्मियों का एक ग्रुप शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। झमाडा कर्मियों का एटक ग्रुप इस हड़ताल से अलग है। वहीं भारतीय मजदूर संघ से जुड़ा प्राधिकार कर्मचारी संघ हड़ताल का समर्थन कर रहा है।

संघ ने स्पष्ट कहा है कि तत्‍काल कर्मियों को तीन माह का वेतन भुगतान करते हुए नियमित वेतन दें, नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन करने वालों में सतीश चंद्रा, सुशांत, नरेंद्र कुमार, संजय सिंह, विनय कुमार पांडेय, यामावती, अनंत कुमार, विजय कुमार तिवारी, नंद किशोर प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार सिंह, रामप्रवेश, सूरज कुमार रवानी आदि शामिल थे।

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