झारखंडः झरिया पुनर्वास पर सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट Dhanbad News

Jharia rehabilitation. 1997 में पूर्व सांसद हराधन राय ने अग्नि प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 14 Jul 2019 12:14 PM (IST) Updated:Sun, 14 Jul 2019 12:14 PM (IST)
झारखंडः झरिया पुनर्वास पर सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट Dhanbad News
झारखंडः झरिया पुनर्वास पर सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट Dhanbad News

धनबाद, आशीष अबंष्ठ। आग से धधक रही झरिया और पश्चिम बंगाल के रानीगंज में पुनर्वास योजना की क्या स्थिति है, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है। इसके लिए नौ जुलाई को आदेश जारी कर अदालत मित्र (एमिकस क्यूरी) के रूप में अधिवक्ता गौरव अग्रवाल को नियुक्त किया है। उन्हें चार सप्ताह में दोनों इलाकों की स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। अग्रवाल जल्द ही धनबाद व रानीगंज आकर स्थिति का आकलन करेंगे। वह स्वतंत्र रूप से अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।

गौरतलब है कि 1997 में पूर्व सांसद हराधन राय ने अग्नि प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके आलोक में कोर्ट ने झरिया और रानीगंज एक्शन प्लान तैयार कराकर मंजूरी दी थी। दस साल में योजना के तहत पुनर्वास की गति बेहद धीमी है। ऐसे में कोर्ट ने अद्यतन स्थिति का आकलन करने का निर्णय लिया है। अदालत मित्र से चार सप्ताह में बिंदुवार रिपोर्ट तैयार कर सौंपने का निर्देश दिया गया है।

झरिया पुनर्वास की वर्तमान स्थिति

941 एकड़ जमीन का आवास निर्माण के लिए किया गया है अधिग्रहण

1504 एकड़ जमीन का पुनर्वास के लिए किया जाना है अधिग्रहण

595 अग्नि प्रभावित साइट हैं पूरे कोयलांचल इलाके में

7112 करोड़ रुपये झरिया मास्टर प्लान के तहत किए जाने हैं खर्च

इन बिंदुओं पर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देंगे अदालत मित्र

झरिया और रानीगंज में कितने परिवारों को विस्थापित कर पुनर्वासित किया गया, भूमिगत आग की स्थिति, भूधंसान की स्थिति, कितने लोग अब भी खतरनाक क्षेत्र में रह रहे हैं, जहां पुनर्वास के लिए आवास बने वहां की स्थिति और सुविधाएं, आग से प्रभावित खदानें, आग प्रभावित क्षेत्र में सड़क व रेल पटरी की स्थिति का आकलन कर अदालत मित्र रिपोर्ट देंगे। इसके अलावा जेआरडीए में काम कर रहे अधिकारी व कर्मियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन कर रिपोर्ट देनी है। कौन अधिकारी व कर्मी कितने समय से काम कर रहा है, इसकी जानकारी भी देनी है। 14 अगस्त को कोर्ट में अगली सुनवाई की तिथि तय की गई है।

केंद्र सरकार, बीसीसीएल सहित अन्य अदालत मित्र का करें सहयोग

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि भारत सरकार, खान सुरक्षा महानिदेशालय, बीसीसीएल, ईसीएल, झारखंड सरकार, बंगाल सरकार, झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार, आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकार अदालत मित्र को हर सहयोग करें। जो जानकारी मांगें, उन्हें उपलब्ध कराएं। अदालत मित्र को इस मद में तीन लाख की राशि का भुगतान करना होगा। इसे बीसीसीएल व ईसीएल वहन करेगी।

इन इलाकों में नहीं हो सका सर्वे

-बरोरा एरिया के सिजुआ व पथराकुल्ही।

-गोविंदपुर एरिया के टूडू व बेहराडीह गांव के पांच क्षेत्र।

-कतरास एरिया के कतरास बाजार, रानी बाजार के पांच इलाके।

-कुसुंडा एरिया की बेलदार बस्ती।

-पुटकी बलिहारी एरिया कीकेंदुआडीह, अरलगड़िया व पासी धौड़ा बस्ती।

-वेस्टर्न झरिया एरिया की मुनीडीह, कोरीडीह, संतालडीह बस्ती।

-लोदना एरिया की मोदीभीटा बस्ती।

-पूर्वी झरिया की कुम्हारपट्टी।

-चांच विक्टोरिया एरिया का बराकर बाजार, बलतोड़िया, बराकर टाउन, हसला लॉक पीट आदि।

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