Student Corner: धनबाद के गरीब विद्यार्थियों को मिली अबतक की सबसे बड़ी सौगात, शहर के इन नामचीन स्‍कूलों में ले सकेंगे नामांकन

जिले के नामचीन 54 पब्लिक स्कूलों में 550 गरीब बच्चे भी पढ़ने जाएगें। इन गरीब बच्चों के नामांकन के लिए शिक्षा विभाग ने लगभग तैयारी कर ली है। सत्र 2020-22 में मान्यता प्राप्त पब्लिक स्कूलों में बीपीएल के लिए 550 सीटें होंगी।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 09:50 AM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 09:50 AM (IST)
Student Corner: धनबाद के गरीब विद्यार्थियों को मिली अबतक की सबसे बड़ी सौगात, शहर के इन नामचीन स्‍कूलों में ले सकेंगे नामांकन
चयनित बच्चों की एंट्री क्लास (जिस क्लास में पढ़ाई शुरू होती है)

जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले के नामचीन 54 पब्लिक स्कूलों में 550 गरीब बच्चे भी पढ़ने जाएगें। इन गरीब बच्चों के नामांकन के लिए शिक्षा विभाग ने लगभग तैयारी कर ली है। सत्र 2020-22 में मान्यता प्राप्त पब्लिक स्कूलों में बीपीएल के लिए 550 सीटें होंगी। चयनित बच्चों की एंट्री क्लास (जिस क्लास में पढ़ाई शुरू होती है) में नामांकन होगा। शिक्षा अधिकार कानून आरटीई के तहत एंट्री क्लास में कुल सीटों का 25 फीसदी सीट पर बीपीएल बच्चों का नामांकन होगा। यदि हम सत्र 2020-21 की बात करें तो कुल 50 स्कूलों में 519 सीटों के मुकाबले 484 बच्चों का नामांकन हुआ था। नए सत्र में चार स्कूलों की संख्या बढ़ी है। जिसके बाद सीटों की संख्या बढ़कर 550 से भी अधिक होने की संभावना है। नए सत्र में बीपीएल नामांकन के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक आरटीई सेल ने नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरटीई सेल ने उपायुक्त उमाशंकर सिंह से नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी है। जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने कहा कि उपायुक्त के पास फाइल भेजी जा रही है ताकि नामांकन की अनुमति प्राप्त हो सके। उनके निर्देश पर इस बार नामांकन प्रक्रिया में बदलाव हो सकता है। कोविड को देखते हुए ऑनलाइन पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीसी के निर्देश के बाद जल्द ही स्कूलों के प्राचार्य की एक बैठक बुलाई जाएगी। जिसके बाद जिले के 54 पब्लिक स्कूलों में बीपीएल बच्चों का नामांकन लिया जाएगा।

पर्यवेक्षक की उपस्थिति में हुआ था 2020 में नामांकन

वर्ष 2020 में बीपीएल बच्चों का नामांकन डीएसई आरटीई सेल की ओर से प्रतिनियुक्त पर्यवेक्षक की मौजूदगी में लॉटरी व अन्य माध्यमों से हुआ था। हालांकि कई स्कूलों में सीट खाली रह गई थी। जहां तक पब्लिक स्कूलों की बात करें तो शिक्षा विभाग से उन्होंने बीपीएल बच्चों की पढ़ाई का बकाया फीस मांगा है।

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