सरस्‍वती व‍िद्या मंद‍िर के बच्‍चों ने क‍िया सूर्य नमस्‍कार

नावागढ़- सरस्वती विद्या मंदिर सिनीडीह में शनिवार को सामूहिक सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विद्यालय के सभी आचार्यों ने ऑफलाइन एवं लगभग 700 भैया-बहनों ने ऑनलाइन सूर्य नमस्कार में भाग लिया। सूर्य नमस्कार से सहनशीलता का गुण विकसित होता है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 05:19 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 05:19 PM (IST)
सरस्‍वती व‍िद्या मंद‍िर के बच्‍चों ने क‍िया सूर्य नमस्‍कार
सूर्य नमस्कार से सहनशीलता का गुण विकसित होता है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

संवाद सहयोगी, धनबाद: नावागढ़- सरस्वती विद्या मंदिर, सिनीडीह में शनिवार को सामूहिक सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विद्यालय के सभी आचार्यों ने ऑफलाइन एवं लगभग 700 भैया-बहनों ने ऑनलाइन सूर्य नमस्कार में भाग लिया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सूर्य नमस्कार ही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। सूर्य नमस्कार से सहनशीलता का गुण विकसित होता है।

इस अवसर पर विद्यालय के योग प्रमुख आचार्य मुरारी प्रसाद ने कहा कि सूर्य नमस्कार संपूर्ण योग है, जिससे व्यक्ति में सहनशीलता के साथ ही साथ संपूर्ण मानवीय गुणों का विकास होता है। उन्होंने बताया कि सात दिवसीय कार्यक्रम का वियालय स्तर पर आज अंतिम कार्य दिवस है।

उन्होंने बताया कि 75 करोड़ सूर्य नमस्कार करने का अभियान का आज अंतिम कार्य दिवस था। सरस्वती विद्या मंदिर सिनिडीह के आचार्य प्रतिदिन बंदना स्थल से सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन कर रहे थे,और उनसे प्रेरणा लेकर सैकड़ों की संख्या में ऑनलाइन कक्षा से जुड़े हुए विद्यालय के भैया बहन भी अपने-अपने घरों से सूर्य नमस्कार कर रहे हैं ।

यह अभियान भारत के उन महान सपूतों को समर्पित है जिन्होंने आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी। यह अभियान भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का संकल्प है ।शक्ति की पूजा सर्वत्र होती है इसलिए शक्ति अर्जित करना हमारा परम धर्म है , हमारा राष्ट्र धर्म है । सूर्य शक्ति का ,ऊर्जा का प्रचंड स्रोत है इसलिए सूर्य की उपासना से अर्थात सूर्य नमस्कार करने से हमें अनंत शक्ति प्राप्त होगी ।

chat bot
आपका साथी