Tantra ke Gan: 350 गरीबों को इस अन्नपूर्णा में मिलता भरपेट भोजन, जानिए

शुरुआत में टीम 87 सदस्य थे जो अब बढ़कर 270 हो गए हैं। गरीबों के बीच कंबल वितरण व वस्त्र वितरण भी सोसायटी की ओर से किया जाता है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 25 Jan 2020 12:50 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 12:50 PM (IST)
Tantra ke Gan: 350 गरीबों को इस अन्नपूर्णा में मिलता भरपेट भोजन, जानिए
Tantra ke Gan: 350 गरीबों को इस अन्नपूर्णा में मिलता भरपेट भोजन, जानिए

धनबाद [आशीष सिंह ]। धनबाद घर से लेकर होटल तक भोजन की बर्बादी अक्सर दिखती है। दूसरी ओर देश के अनेक गरीब भूखे पेट सो जाते हैं। गरीबों के इस दर्द को समझते हुए धनबाद, झारखंड के कुछ युवाओं ने अपने स्तर पर पहल की। धनबाद राइजिंग चैरिटेबल सोसाइटी बनाकर ये युवक गरीबों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही भोजन की बर्बादी भी रोक रहे हैं।
सेवा की यह लौ जली तो बढ़ती चली गई। आज इस संस्था में 270 सदस्य जुड़े हैं। खास बात यह भी है कि इस सोसायटी में न कोई अध्यक्ष है और न सचिव। सदस्यता शुल्क से प्रत्येक माह के दूसरे रविवार को 350 गरीबों को भोजन कराया जाता है। जाति-धर्म का बंधन नहीं है। सभी एक साथ पंक्ति में बैठकर भोजन करते हैं। भोजन कराने आए सोसायटी के 20 से 25 सदस्य भी इनके साथ ही बैठकर भोजन करते हैं। पंक्ति में बैठकर पहले भोजन कर चुके गरीब अपने भोजन की पारी खत्म होने के बाद अन्य सदस्यों को भोजन कराने के श्रमदान में जुट जाते हैं। 

87 सदस्यों ने की थी शुरुआत: सोसायटी के राजन सिन्हा कहते हैं कि कळ्छ दोस्तों के साथ 2013 में सोसायटी की नींव रखी। इससे पहले 1986 में राइजिंग क्रिकेट क्लब की शुरुआत की थी। 2003 तक क्रिकेट खेले। इस बीच क्लब के सभी खिलाड़ियों की नौकरी लग गई। खेल से किनारा हो गया। तब सोचा कि गरीबों को निश्शुल्क भोजन कराकर समाजसेवा कर सकते हैं। मई 2013 में 122 जरूरतमंदों को भोजन करा मुहिम शुरू कर दी। इसके बाद यह सिलसिला आज तक जारी है। शुरुआत में टीम 87 सदस्य थे, जो अब बढ़कर 270 हो गए हैं। गरीबों के बीच कंबल वितरण व वस्त्र वितरण भी सोसायटी की ओर से किया जाता है। इसके लिए वर्ष में दो बार सोसायटी के सभी सदस्य पुराने कपड़े एकत्रित करते हैं। बाद में गरीबों के बीच इनका वितरण किया जाता है। 

हर सदस्य देता है एक हजार रुपये वार्षिक शुल्क: राजन सिन्हा ने बताया कि सेवा के इस काम के लिए किसी से चंदा नहीं लेते। सोसायटी के सदस्य आपसी सहयोग से ही फंड की कमी दूर करते हैं। हर सदस्य वार्षिक शुल्क के तौर पर हजार रुपये देता है। धन की कमी हुई तो सदस्य आपस में फिर सहयोग राशि एकत्र कर लेते हैं। धनबाद के गोल्फ मैदान में खड़ेश्वरी मंदिर के समीप राजेंद्र पार्क में भोजन कराते हैं। 

गरीबों को भोजन कराना हमारे लिए पूजा:  भिक्षा मांगने वाला, सोसायटी के सदस्य अपनेपन के साथ उसे भोजन कराते हैं।मकसद यही कि कोई भी समाज में भूखा न रहे और जो भोजन करने आया है वह श्रद्धा, आनंद, संतुष्टि और सम्मान के साथ अपनी भूख शांत करे। कुष्ठ रोगियों को भी पूरी तन्मयता से भोजन कराते हैं। हमारा मूल मंत्र है गरीबों में भगवान बसते हैं, इसलिए उनको भोजन कराना हमारे लिए किसी पूजा प्रार्थना से कम नहीं है।

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