सवा चार करोड़ में 159वां रैंक , अब खर्च होंगे 14.50 करोड़

धनबाद तकरीबन सवा चार करोड़ खर्च कर स्वच्छता के पायदान पर देशभर में 159वें पायदान पर खड़े धनबाद रेलवे स्टेशन की सफाई में अब 14 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होंगे। ऐसा तब होगा जब रेलवे अपनी आर्थिक सेहत संवारने को लेकर कई नुस्खे अपना रही है। सफाई को लेकर नए सिरे से टेंडर की सारी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। जल्द ही आउटसोर्सिग कंपनी को सफाई का काम सौंप दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 05:30 AM (IST) Updated:Wed, 05 Feb 2020 06:15 AM (IST)
सवा चार करोड़ में 159वां रैंक , अब खर्च होंगे 14.50 करोड़
सवा चार करोड़ में 159वां रैंक , अब खर्च होंगे 14.50 करोड़

धनबाद : तकरीबन सवा चार करोड़ खर्च कर स्वच्छता के पायदान पर देशभर में 159वें पायदान पर खड़े धनबाद रेलवे स्टेशन की सफाई में अब 14 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होंगे। ऐसा तब होगा, जब रेलवे अपनी आर्थिक सेहत संवारने को लेकर कई नुस्खे अपना रही है। सफाई को लेकर नए सिरे से टेंडर की सारी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। जल्द ही आउटसोर्सिग कंपनी को सफाई का काम सौंप दिया जाएगा।

तीन गुना से ज्यादा रेट बढ़ने से नहीं मिल रहे थे ठेकेदार : रेलवे स्टेशन की सफाई का ठेका तीन गुना से अधिक बढ़ने के कारण रेलवे को ठीकेदार नहीं मिल रहे थे। इससे मौजूदा आउटसोर्सिग कंपनी को ही सफाई के लिए तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया। अब एक्सटेंशन अवधि खत्म होते ही नया ठेका दे दिया जाएगा।

99 से बढ़कर अब 120 कर्मचारी करेंगे सफाई

मौजूदा टेंडर के अनुसार, स्टेशन की सफाई के काम में 99 कर्मचारी लगे हैं। नए टेंडर के मुताबिक अब आउटसोर्सिग कंपनी को 120 सफाई कर्मचारी बहाल करने होंगे। पहले तीन साल था, अब चार वर्षो का होगा ठेका : रेलवे स्टेशन की सफाई का ठेका पहले तीन वर्षो के लिए दिया गया था। अब नए सिरे से होने वाला ठेका चार वर्षो का होगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने ठेका के कार्यकाल में बदलाव किया है।

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फैक्ट फाइल

- 2018 में देशभर के 75 ए-वन श्रेणी के स्टेशनों में धनबाद 63वें पायदान पर था।

- अक्टूबर 2019 में जारी रैकिंग में देशभर के 611 रेलवे स्टेशनों में धनबाद की रैंकिंग 159 रही।

- 2019 में 75 ए-वन श्रेणी के स्टेशनों में धनबाद की रैंकिंग 41 रही।

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तीन साल पहले और मौजूदा धनबाद स्टेशन में काफी बदलाव आ चुका है। सामने वाले हिस्से और दक्षिणी छोर का विस्तार हुआ है। सफाई के कार्य क्षेत्र बढ़े हैं। इसके मुताबिक टेंडर कॉस्ट बढ़ा है।

- पीके मिश्रा, पीआरओ

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