Sri Sri Hanumant Katha: अकाल मृत्यु हरण को प्रदीप भैया का मंत्र, हर घर में हो सुंदर कांड का पाठ

भाषा वेश भूषा व भवन में सुधार लाएं। परिवार के सदस्य प्रति रात्रि एक साथ बैठकर भोजन करें। भोजन करते और वाहन चलाते समय मोबाइल न चलाएं।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 03:21 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 03:21 PM (IST)
Sri Sri Hanumant Katha: अकाल मृत्यु हरण को प्रदीप भैया का मंत्र, हर घर में हो सुंदर कांड का पाठ
Sri Sri Hanumant Katha: अकाल मृत्यु हरण को प्रदीप भैया का मंत्र, हर घर में हो सुंदर कांड का पाठ

पंचेत, जेएनएन। श्री श्री हनुमंत कथा वाचक प्रदीप भैया का दावा है कि जिस घर-परिवार में सुंदर कांड का पाठ होता है वहां किसी की अकाल मृत्यु हो नहीं सकती है। श्री हनुमान लाल खुद महाकाल हैं। वे हर संकट का हरण करते हैं। हर घर में सुंदर कांड का पाठ होना चाहिए। महीने में कम से एक बार भी हो तो उस घर-परिवार के किसी भी सदस्य की अकाल मृत्यु हो नहीं सकती। 

मंगल मूर्ति धाम, जूनकुंदर में गुरुवार को पांच दिवसीय श्री श्री हनुमंत कथा का समापन हुआ। व्यास प्रदीप भैया ने व्यास पीठ से अंतिम दिन सुखमय और मंगलमय जीवन के लिए कुछ छोटे-छोटे सूत्र बताएं। कहा-भाषा, वेश, भूषा व भवन में सुधार लाएं। परिवार के सदस्य प्रति रात्रि एक साथ बैठकर भोजन करें। भोजन करते और वाहन चलाते समय मोबाइल न चलाएं। उन्होंने कहा कि परिवार में एक गर्म तो दूसरा नरम होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर क्लेश बढ़ेगा। मित्रता में स्वार्थ गलत नहीं है। लेकिन स्वार्थ के लिए मित्रता करना गलत है।स्वार्थ के लिए मित्रता की जाय सरासर ठीक नहीं है। ज्यादा लोभी से दान पुण्य की बात करना निरथर्क हैं। जैसे भी हो पूजा करते रहो। पहले तन लगाओ फिर मन लग जाएगा । भाषा, वेश, भूषा व भवन में सुधार लाएं। भगवान को पूजने से अच्छा पड़ोस की गरीब बेटी की शादी में सहयोग करें। भगवान आपसे संतुष्ट होंगे।

धर्म उत्थान समिति की तरफ से आयोजित कथा के अंतिम दिन कथा सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, एसडीपीओ विजय कुशवाहा, एग्यारकुंड बीडीओ विजयेंद्र कुमार, चिरकुंडा नगर पंचायत अध्यक्ष डबलू बाउरी, उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह, मुखिया प्रेम सिंह ने उपस्थित होकर कथा श्रवण किया। आयोजन को सफल बनाने में धर्म उत्थान समिति के चंद्रदेव यादव, भरत सिंह, मुखिया रिंटू पाठक, सांसद प्रतिनिधि गुड्डू सिंह, विरेंद्र अटल, इंद्रदेव प्रसाद, राजेश्वर साव, राजेंद्र चौहान, भोला चौहान, सत्येंद्र सिंह, विनय सिंह, धीरज सिंह, रंजीत चौधरी, रवि महतो, संतोष, सुजीत आदि का सराहनीय योगदान रहा ।

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