रैयती जमीन पर कोयला गिराने से भड़के रैयतों ने पांच घंटे तक कोयला ढुलाई किया ठप

रैयती जमीन पर कोयला गिराने से भड़के रैयतों ने पांच घंटे तक कोयला ढुलाई की ठप

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 May 2022 07:51 PM (IST) Updated:Wed, 25 May 2022 07:51 PM (IST)
रैयती जमीन पर कोयला गिराने से भड़के रैयतों ने पांच घंटे तक कोयला ढुलाई किया ठप
रैयती जमीन पर कोयला गिराने से भड़के रैयतों ने पांच घंटे तक कोयला ढुलाई किया ठप

रैयती जमीन पर कोयला गिराने से भड़के रैयतों ने पांच घंटे तक कोयला ढुलाई किया ठप

अलकडीहा : लोदना क्षेत्र के जीनागोरा कालीथान के पास रैयती जमीन पर परियोजना प्रबंधन की ओर से किए जा रहे कोयला स्टाक का ग्रामीणों ने विरोध किया। बुधवार को सड़क जाम कर दिया। आंदोलन से कोयले की ढुलाई बाधित हो गई। लगभग पांच घंटे तक कोयले की ढुलाई ठप रहने के कारण इसका असर रेलवे रैक से पावर हाउस को होनेवाले कोयला डिस्पैच पर पड़ा। देर शाम अलकडीहा ओपी पुलिस की उपस्थिति में एनटी-एसटी प्रबंधन ने रैयतों से सकारात्मक वार्ता कर रैयती जमीन पर गिराए गए कोयले को हटा लेने और दुबारा वहां कोयला व ओबी डंप नहीं करने का आश्वासन दिया।

पीओ पंकज कुमार और ओपी प्रभारी विनोद कुमार शर्मा के आश्वासन से संतुष्ट होकर रैयतों ने सड़क जाम समाप्त कर दिया। इसके बाद कोलियरी प्रबंधन व अलकडीहा ओपी पुलिस ने राहत की सांस ली। कोयले की ढुलाई शुरू हुई। ग्रामीणों का कहना है कि एनटी-एसटी जीनागोरा प्रबंधन सुरुंगा, पहाड़ीगोड़ा के रैयतों की जमीन का अधिग्रहण दशकों पूर्व किया था। कई रैयतों को अभी तक मुआवजा व नियोजन नहीं मिला है। प्रबंधन ने कोयला खनन कर उस जमीन पर ओबी डंप कर रैयतों की जमीन को टापू बना दिया है। ग्रामीण वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। मुआवजा और नियोजन की मांगों को लेकर आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वार्ता में ट्रांसपोर्टर प्रबंधन के प्रतिनिधि फणि सिंह, रैयतों में आनंद महतो, नारद कालिंदी, संजय महतो, नींबू महतो, संतोष महतो, प्रकाश महतो, प्रदीप प्रमाणिक, दीपक महतो, प्रकाश बाउरी, सुनील सोरेन, अभिषेक कुमार आदि थे।

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