सिंफर में कोयले से पेट्रोल बनाने के प्रोजेक्ट पर चल रहा काम, जिज्ञासु छात्र-छात्राओं ने जानी विधि

वैज्ञानिक आशीष घोष ने प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया कि कोयले को किस प्रकार वॉश कोल बनाकर ऊर्जा के क्षेत्र में उपयोगी बनाया जाता है।

By mritunjayEdited By: Publish:Wed, 27 Mar 2019 02:05 PM (IST) Updated:Wed, 27 Mar 2019 02:05 PM (IST)
सिंफर में कोयले से पेट्रोल बनाने के प्रोजेक्ट पर चल रहा काम, जिज्ञासु छात्र-छात्राओं ने जानी विधि
सिंफर में कोयले से पेट्रोल बनाने के प्रोजेक्ट पर चल रहा काम, जिज्ञासु छात्र-छात्राओं ने जानी विधि

जामाडोबा, जेएनएन।सिंफर डिगवाडीह के आदित्यनाथ लाहिड़ी सभागार में विद्यार्थी वैज्ञानिक संपर्क कार्यक्रम का आयोजन हुआ। उद्घाटन सिंफर के कार्यकारी निदेशक डॉ. जी बनर्जी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान विद्यार्थियों में वैज्ञानिक बनने की इच्छा देखी गयी। सिंफर के वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों के अंदर उत्साह भरा। कार्यकारी निदेशक ने विद्यार्थियों से कहा कि विज्ञान को समझने की इच्छा को जिज्ञासा कहते हैं। जबतक जिज्ञासा नहीं होगी। तबतक व्यक्तित्व का निखार नहीं होगा। राष्ट्र तरक्की नहीं करेगा। हमे विज्ञान के प्रति रुझान बढ़ाना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि आसपास के क्षेत्रों का विकास विज्ञान से जोड़कर किया जा रहा है। कहा कि हमे कोयले को जानने की जरूरत है। वैज्ञानिक तरीके से कोयले का गैसिफिकेशन कर प्रदूषण पर अंकुश लगाते हुए ऊर्जा के क्षेत्र में काम करना है। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली छाज्ञ-छात्राओं ने हिस्सा लिया। 

सिंफर के वरिष्ठ वैज्ञानिक आशीष मुखर्जी ने कहा कि कोयला से हम ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक कार्य कर सकते हैं। वैज्ञानिक आशीष घोष ने प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया कि कोयले को किस प्रकार वॉश कोल बनाकर ऊर्जा के क्षेत्र में उपयोगी बनाया जाता है। डिगवाडीह में सिंफर वैज्ञानिक कोयले से पेट्रोल बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रेह हैं। छात्र-छात्राओं ने कोयले से पेट्रोल बनानेे की विधि की जानकारी प्राप्त की। 

वैज्ञानिक डीबी दास ने बच्चों को अनुशासित तरीके से विज्ञान के क्षेत्र में अभिरुचि बढ़ाने का संकल्प दिलाया। मंच का संचालन डॉ. एनके श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में डिगवाडीह संस्कृति विद्या मंदिर के 30 विद्यार्थी के अलावा हजारीबाग से आये स्कूल के 30 विद्यार्थी थे। 

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