IIT ISM: आइआइटी आइएसएम के कौन है वो तीन छात्र जिन्होंने खींचा मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन का ध्यान, जानें किन वजहों से मिली सराहना

आइआइटी आइएसएम के छात्र अब वैश्विक पटल पर संस्थान और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। 17 नवंबर को आइआइटी के तीन छात्र अपनी प्रतिभा की बदाैलत अमेरिका की चार और सिंगापुर यूनिवर्सिटी को पीछे छोड़ते हुए एडोबे एनालिटिक्स चैलेंज 2020 के ग्लोबल विजेता बने थे।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 12:58 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 12:58 PM (IST)
IIT ISM: आइआइटी आइएसएम के कौन है वो तीन छात्र जिन्होंने खींचा  मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन का ध्यान, जानें किन वजहों से  मिली सराहना
मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने अपने ट्विटर हैंडल में एडोब एनालिटिक्स चैलेंज 2020 के ग्लोबल को बधाई

धनबाद, आशीष सिंह: आइआइटी आइएसएम के छात्र अब वैश्विक पटल पर संस्थान और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। 17 नवंबर को आइआइटी के तीन छात्र अपनी प्रतिभा की बदाैलत अमेरिका की चार और सिंगापुर यूनिवर्सिटी को पीछे छोड़ते हुए एडोब एनालिटिक्स चैलेंज 2020 के ग्लोबल विजेता बने थे। छात्रों के इस हुनर को अब मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने भी सराहा है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तीनों छात्र पूजा पटवारी, पार्थ हेतमसरिया व जाह्नवी शर्मा का जिक्र करते हुए बधाई दी है। फाइनल प्रतियोगिता में दुनियाभर की 1600 टीमों ने हिस्सा लिया। इन सभी को आइआइटी की टीम द अल्फास ने पछाड़ दिया। प्रतियोिगता जीतने पर टीम द अल्फास को 35 हजार डॉलर यानी लगभग 26 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है। एडोबे एनालिटिक्स चैलेंज अनोखे ढंग की फोकस्ड बिजनेस केस प्रतियोगिता है। इसमें उद्योग के अग्रणी उत्पादों का उपयोग करने और वास्तविक दुनिया तक डेटा की पहुंच का अवसर दिया जाता है। टीम में शामिल पार्थ माइनिंग इंजीनियरिंग, पूजा इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग व जाह्नवी इन्वायरमेंटल साइंस इंजीनियरिंग के छात्र हैं। आइआइटी निदेशक प्रो.राजीव शेखर ने कहा उन्हें अपने छात्रों की प्रतिभा पर गर्व है। सांसद महेश पोद्दार ने भी आइआइटी आइएसएम की इस उपलब्धि पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि झारखंड के लिए यह गर्व का विषय। आइआइटी के विद्यार्थी एडोबे एनालिटिक्स चैलेंज 2020 में दुनिया भर की 1600 टीमों को पछाड़कर ग्लोबल विजेता बने। 35000 डॉलर (करीब 26 लाख रुपये) का पुरस्कार मिला। राज्य कम से कम ऐसा एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की सोच लानी होगी।

टीम द अल्फास ने सेल्स में बढ़ोतरी का सुझाव देकर जीता खिताब

टीम द अल्फास की पूजा पटवारी ने बताया कि 1600 टीम में पहले 20 टीमों का चयन हुआ। 20 में छह टीम फाइनल के लिए चुनी गई। छह टीमों के बीच फाइनल के लिए भिड़ंत हुई। इनमें चार टीम यूएसए की, एक सिंगापुर तथा भारत से एकमात्र आइआइटी धनबाद की टीम शामिल थी। फाइनल में सभी को एक मल्टीनेशनल कंपनी का डिजीटल डेटा देते हुए इसका विश्लेषण करने, अपनी वेबसाइट और कस्टमर इंगेजमेंट (ग्राहक संलग्न) को बेहतर बनाने के तरीकों की तलाश करने को कहा गया था। कैसे सेल्स में बढ़ोतरी हो सकती है। आइआइटी टीम की ओर से यह सुझाव दिया गया कि कंपनी अपनी वेबसाइट को फिर से री डिजाइन कर, सोशल मीडिया में सुधार व संभावित खरीदारों पर बेहतर ध्यान केन्द्रित कर लक्ष्य प्राप्त कर सकती है। टीम के इस सुझाव को काफी सराहा गया।

इन टीमों को आइआइटी आइएसएम ने पछाड़ा

- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (लॉस एंजिल्स)

- यूटा विश्वविद्यालय

- फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

- यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो

- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर

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