JAC: बिन परीक्षा अगली कक्षा में 9वीं और 11वीं के छात्रों को प्रमेट करने की तैयारी, जल्द होगी आधिकारिक घोषणा

कोरोना की दूसरी लहर के कारण सीबीएसइ के साथ ही राज्य परीक्षा बोर्डों ने भी 10वीं की परीक्षा रद कर दी हैं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने भी परीक्षाएं रद कर दी है। 9वीं और 11वीं के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की तैयारी चल रही है।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 11:37 AM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 11:37 AM (IST)
JAC: बिन परीक्षा अगली कक्षा में 9वीं और 11वीं के छात्रों को प्रमेट करने की तैयारी, जल्द होगी आधिकारिक घोषणा
कोरोना के कारण परीक्षाएं स्थगित ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। अब नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों की भी परीक्षा नहीं होगी। इन दोनों कक्षाओं के छात्र भी आठवीं के छात्र-छात्राओं की तर्ज पर अगली कक्षाओं में प्रमोट होंगे। निदेशालय अपने स्तर पर इसकी तैयारी कर रहा है। आने वाले दिनों में मुख्यालय की ओर से इसकी जानकारी दी जाएगी। मैट्रिक और इंटर के छात्र-छात्राओं को परीक्षा लेने और नहीं लेने की स्थिति में कैसे पास किया जाए इसको लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने बैठक कर मंथन कर रहा है। ऐसा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण करना पड़ रहा है। 

सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

जैक सचिव महीप सिंह ने कहा है कि बच्चों को कैसे पास किया जाए इसका फार्मूला तय कर लिया गया है। वहीं इसका प्रस्ताव स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को भेजा गया है। हालांकि महीप सिंह का मानना है कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा देना छात्र हित में हैं। उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर परीक्षा लेने की बात कही है। अब अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। उन्होंने बताया कि किसी कारणवश यदि मैट्रिक की परीक्षा नहीं होती है तो छात्र-छात्राओं को पास करने के लिए नौवीं के रिजल्ट को आधार माना जा सकता है। वहीं मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राएं पिछले साल नौवीं की परीक्षा पास कर दसवीं में गए थे। ऐसे में नौवीं क्लास की ओएमआर शीट पर हुई परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर डिविजन दिया जा सकता है। पिछले साल नवंबर में मैट्रिक के छात्रों के लिए संशोधित सिलेबस जारी किया गया था। 21 दिसंबर से अभिभावकों की सहमति पर उन्हें स्कूल भी बुलाया गया। इस दौरान न तो उनकी मिड टर्म परीक्षा ली गई और न हीं किसी प्रकार का स्कूल स्तर पर टेस्ट हुआ। ऐसे में नौवीं का रिजल्ट परिणाम जारी करने का विकल्प हो सकता है।

धनबाद में मैट्रिक और इंटर के 52 हजार स्टूडेंट्स

जिले में करीब 52 हजार छात्र-छात्राओं को मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देनी है। जिसमें मैट्रिक में 28 हजार तो इंटर में 24 हजार परीक्षार्थी हैं। जैक सचिव का मानना है कि कैरियर के लिहाज से मैट्रिक परीक्षा जीवन का पहला पड़ाव है। इसलिए परीक्षा होना आवश्यक है।

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