अब तक रेलवे ने वापस नहीं की लाकडाउन के दाैरान छीनी गई सभी सेवाएं, धनबाद डीआरएम ने दिया जवाब

Indian Railways IRCTC डेढ़ साल से ज्यादा वक्त तक स्पेशल बंद कर चली ट्रेनें अब पहले की तरह सामान्य हो गई हैं। किराए में भी राहत दे दी गई है। पर ज्यादातर महत्वपूर्ण ट्रेनों में तत्काल टिकटों की बुकिंग अभी बंद है। तत्काल कोटा यात्रियों से जुड़ी खास सुविधा थी।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 01:10 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 03:30 PM (IST)
अब तक रेलवे ने वापस नहीं की लाकडाउन के दाैरान छीनी गई सभी सेवाएं, धनबाद डीआरएम ने दिया जवाब
लाकडाउन के बाद अब तक सामान्य नहीं हुई रेल सेवा ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता धनबाद। भारतीय रेलवे ( Indian Railways) में कोरोना काल ( Coronavirus Era) मार्च 2020 से प्रभावी हुआ था। उसी दौरान यात्री सुविधाओं पर ढेर सारी पाबंदियां लगाई गई थी। 2020 गुजर गया। 2021 भी गुजर गया। और अब 2022 का पहला महीना भी गुजरने वाला है। पर अब तक छीनी गई सुविधाएं नहीं लौटाई गई। रेलवे में जो सुविधाएं छीनी है उनका कनेक्शन सीधे आम यात्रियों से है। यात्री परेशान हैं। रेल अधिकारियों को ट्वीट कर जानना चाहते हैं कि रेलवे की सेवाएं पहले की तरह कब सामान्य होंगी। सही जवाब यात्रियों को नहीं मिल रहा है। 

यात्रा कि तिथि बदलने के लिए आपको अपना टिकट रद्द करवाने के पश्चात् पुनः तय तिथि के लिए टिकट आरक्षित करवाना पड़ेगा |

— DRM/DHANBAD, ASHISH BANSAL (@drmdhnecr) January 22, 2022

टिकट की तारीख नहीं बदल सकते कराना होगा, नये सिरे से बुकिंग

मार्च 2020 से पहले यात्रियों को टिकट बुकिंग के लिए एक खास सुविधा मिलती थी। यात्री अपनी सुविधा के मुताबिक टिकट बुकिंग की तारीख बदल सकते थे। जिस तिथि पर यात्री ने टिकट बुकिंग कराया है। अगर उससे पहले जाना है तो इसकी अनुमति मिल जाती थी। और अगर उसके बाद जाना है, तो भी तारीख बदल सकते थे। स्लीपर क्लास में टिकट की तारीख बदलने प्रीपोनमेंट या पोस्टपोनमेंट के लिए सिर्फ ₹20 चुकाने पड़ते थे। पर अब यह सुविधा छिन चुकी है। यात्रियों को बुक कराए गए टिकट रद्द कराने होंगे और फिर नए सिरे से टिकटों की बुकिंग करानी होगी। टिकट रद्द कराने और नए टिकट बुक कराने में कई गुना ज्यादा जेब ढीली करनी होगी।

महत्वपूर्ण ट्रेनों में तत्काल कोटा पर पाबंदी

डेढ़ साल से ज्यादा वक्त तक स्पेशल बंद कर चली ट्रेनें अब पहले की तरह सामान्य हो गई हैं। किराए में भी राहत दे दी गई है। पर ज्यादातर महत्वपूर्ण ट्रेनों में तत्काल टिकटों की बुकिंग अभी बंद है। तत्काल कोटा यात्रियों से जुड़ी खास सुविधा थी। पर इसे भी छीन ली गई है।

धनबाद होकर चलने वाली इन ट्रेनों में तत्काल कोटा बंद

12321 हावड़ा मुंबई मेल, 15027 हटिया गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, 13329 धनबाद पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस, 13403 रांची भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस, 17006 रक्सौल हैदराबाद एक्सप्रेस।

पाटलिपुत्र एक्सप्रेस का घट गया फेरा, स्वर्णरेखा और गरीब रथ चलाना भूली रेलवे

तकरीबन 2 साल से धनबाद से भुवनेश्वर के बीच चलने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस बंद है। ट्रेन चलाने को लेकर पूर्व मध्य रेलवे और पूर्व तटीय रेलवे के बीच फेकाफेकी चल रही है। यही हाल धनबाद से टाटानगर जाने वाली स्वर्ण रेखा एक्सप्रेस का है। यात्रियों की संख्या बेहद कम होने का हवाला देकर रेलवे ने इस ट्रेन को चलाने से इंकार कर दिया। अब जब जनप्रतिनिधियों ने इस पर सवाल उठाया तो रेलवे कह रही है कि रैक उपलब्ध होने पर ट्रेन चलाने पर विचार किया जाएगा। धनबाद होकर चलने वाली पाटलिपुत्र एक्सप्रेस के फेरे में कटौती कर दी गई। रोजाना चलने वाली ट्रेन अब हफ्ते में 3 दिन ही चलती है। रांची से देवघर के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को दुमका तक चलाने की रेलवे बोर्ड से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। पर रेलवे ने अब तक इस ट्रेन को पटरी पर नहीं उतारा है। धनबाद से आद्रा और बांकुड़ा होकर विष्णुपुर तक जाने वाली मेमू ट्रेन लगभग 2 साल से बंद है। धनबाद रेल मंडल ने इसका ठीकरा भी दक्षिण पूर्व रेलवे पर फोड़ दिया है।

सीनियर सिटीजन से लेकर किन्नर तक की छूट पर चढ़ी रेल

58 साल की महिलाएं और 60 साल के पुरुषों को सभी श्रेणियों के किराए में छूट मिलती थी। महिलाओं को सीधे 50% और पुरुषों को 40% रियायत लागू था। कोरोना के बहाने रेलवे ने सीनियर सिटीजन को मिलने वाली छूट छीन ली। यहां तक कि किन्नरों के लिए भी किराए में रियायत लागू थी। उस पर भी पाबंदी लगा दी।

घर से लाइए कंबल चादर और तकिया वरना ठिठुरते रहेंगे

एसी के यात्रियों के लिए बेड रोल यानी कंबल, चादर और तकिया की सुविधा भी बहाल थी। तकरीबन 2 साल से संक्रमण का हवाला देकर सुविधा बंद रखी गई है। हालांकि बेड रोल न देने पर किराए में किसी तरह की राहत नहीं मिली है। कुछ दिन पहले बेड सेवा बहाल करने की तैयारी शुरू हुई थी। पर ओमीक्रोन की दस्तक ने रेड सिग्नल दिखा दिया। ठंड में सफर के लिए घर से ही कंबल- चादर साथ लाना होगा वरना पूरा सफर ठिठुरते कटेगा।

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