आइएमए के डॉक्टरों ने मांगा 50 लाख का बीमा
धनबाद कोविड अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज करने को लेकर आइएमए ने जिला प्रशासन के समक्ष शर्त रखी है। आइएमए का कहना है कि सरकारी डॉक्टरों को जो सुविधाएं दी जा रही है वही सुविधा निजी डॉक्टरों को भी दी जाए।
धनबाद : कोविड अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज करने को लेकर आइएमए ने जिला प्रशासन के समक्ष शर्त रखी है। आइएमए का कहना है कि सरकारी डॉक्टरों को जो सुविधाएं दी जा रही है, वही सुविधा निजी डॉक्टरों को भी दी जाए। क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण निजी डॉक्टरों को भी होने का उतना ही आशंका होती है, जितना कि सरकारी डॉक्टर का। इस संबंध में आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने उपायुक्त डॉ. उमाशंकर सिंह के समक्ष अपनी बातों को रखा। वहीं, सचिव डॉ. सुशील कुमार ने सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास से सुविधाएं देने की मांग की है। बता दें कि सरकार ने सरकारी डॉक्टर और सरकारी कर्मचारियों को 50 लाख रुपये के बीमा की घोषणा की है। जबकि अनुबंध कर्मचारी और आउटसोर्सिग कर्मचारी के लिए अभी तक कोई घोषणा नहीं है। आइएमए के डॉक्टर भी 50 लाख की बीमा मांग रहे हैं। नाम सार्वजनिक कराने का विरोध : आइएमए ने जिला प्रशासन के उस निर्णय का विरोध किया है, जिसमें कोविड सेवा में लगाए जाने वाले डॉक्टरों के नाम को सार्वजनिक किया गया है। आइएमए के पदाधिकारियों का कहना है कि डॉक्टरों के नाम सार्वजनिक होने के बाद उनके नर्सिग होम में नॉन कोविड मरीज नहीं आ रहे हैं। नर्सिग होम के कर्मचारी भी ड्यूटी से आने से कतराने लगे हैं। आज दिया जाएगा प्रशिक्षण : इधर जिला प्रशासन चुने गए आइएमए के डॉक्टरों को शुक्रवार को प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है। यह प्रशिक्षण सिविल सर्जन कार्यालय या दूसरे जगह पर दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद डॉक्टरों की ड्यूटी विभिन्न जगहों पर लगाई जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से निजी डॉक्टरों को मानदेय भी दिया जा सकता है। वर्जन
आइएमए ने अपनी आपत्तियों को जिला प्रशासन और सिविल सर्जन से अवगत कराया है। महामारी के इस दौर में आइएमए में सेवा देने को तैयार है, लेकिन डॉक्टरों को सुविधाएं मिलनी चाहिए। जिला प्रशासन को चाहिए कि आइएमए के साथ सीधा संवाद करें।
डॉ. सुशील कुमार, सचिव, आइएमए, धनबाद