मछली बाजार को मौखिक रूप से मिली जमीन, लिखित का इंतजार

धनबाद जिले में खुदरा मछली विक्रेताओं के लिए बाजार का निर्माण किया जाना है। इसको लेकर दो साल पूर्व ही राज्य सरकार से धनबाद जिला प्रशासन को जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश मिला था लेकिन अब तक धनबाद के अंचलाधिकारी जमीन नहीं दे पाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 07:55 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 07:55 PM (IST)
मछली बाजार को मौखिक रूप से मिली जमीन, लिखित का इंतजार
मछली बाजार को मौखिक रूप से मिली जमीन, लिखित का इंतजार

धनबाद : जिले में खुदरा मछली विक्रेताओं के लिए बाजार का निर्माण किया जाना है। इसको लेकर दो साल पूर्व ही राज्य सरकार से धनबाद जिला प्रशासन को जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश मिला था, लेकिन अब तक धनबाद के अंचलाधिकारी जमीन नहीं दे पाए हैं। कई बार पत्राचार होने के बाद मत्स्य विभाग को केवल मौखिक तौर पर जमीन का मौजा, खाता नंबर और प्लाट नंबर बता दिया गया है। अब विभाग असमंजस में है कि मौखिक रूप से मिले इस जमीन का हस्तांतरण किस आधार पर कराए। वर्ष 2018 में मत्स्य विभाग ने गोदाम, दुकान समेत अन्य सुविधाओं से लैस एक मछली बाजार बनाने की योजना दी थी। इसके लिए 50 डिसमिल जमीन की आवश्यकता है। राज्य सरकार से आदेश मिलने के बाद उपायुक्त स्तर से जमीन उपलब्ध कराने के लिए अंचलाधिकारी धनबाद प्रशांत लायक को पत्र दिया गया। इस पत्र के बाद उपायुक्त और जिला मत्स्य कार्यालय की ओर से कई बार पत्र दिया गया, लेकिन जमीन नहीं मिली। हाल के दिनों में धनबाद अंचल के आमाघाटा मौजा अंतर्गत खाता नंबर 28 व प्लाट नंबर 214 की जमीन मछली बाजार के लिए उपलब्ध कराने की बात कही गई। अंचल कर्मी ने यह जमीन विभागीय अधिकारियों को दिखा भी दिया। अब मामला जमीन हस्तांतरण को लेकर फंसा हुआ है। जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने बताया कि जमीन उपलब्ध कराने को लेकर अभी तक कोई भी लिखित प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। यदि अंचल लिखित कार्रवाई करे तो वे राज्य सरकार से इसे विभाग के नाम हस्तांतरित कराने का प्रयास करेंगे। कृषि बाजार में बेकार पड़ा हुआ है मछली बाजार : बरवाअड्डा स्थित कृषि बाजार प्रांगण में 20 साल पूर्व मछली बाजार बनाया गया था। योजना थी कि जिले में बाहर से आने वाली मछलियों का कारोबार यहां से किया जाए, लेकिन बाजार समिति आज तक मछली बाजार को यहां स्थानांतरित करने में सफल नहीं हो सकी है।

chat bot
आपका साथी