बेमौसम बरसात, फसल हुई बर्बाद
धनबाद : बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात से हुई बूंदाबांदी ने धनबाद के किसानों की कमर तो
धनबाद : बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात से हुई बूंदाबांदी ने धनबाद के किसानों की कमर तोड़ दी है। खेत-खलिहान में रखी धान की फसल पूरी तरह से भींग गई है। यदि जल्द ही धूप नहीं आयी तो यह धान अंकुरित हो जाएगा और खाने योग्य नहीं रहेगा। बारिश से खेत में खड़ी फसल पर भी खतरा मंडराने लगा है। इधर विभाग बारिश से हुई क्षति का आकलन करने में लग गया है।
किसान फसल को बचाने का उपाय कर रहे हैं। किसी प्रकार से कटी फसल को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। तोपचांची के सीताराम महतो के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं। पूछने पर बस इतना ही कहा कि अब तो सरकार का ही सहारा है। कुछ ऐसा ही हाल चीरूडीह के हरि महतो का भी है। उन्होंने कहा कि भींगी हुई फसल को बचाने के लिए उसे ढक रहे हैं, लेकिन एक-दो दिनों के अंदर धूप नहीं निकली तो फिर एक दाना धान भी नहीं मिलेगा। तांतरी के गोपी गोप का पूरा परिवार अपनी फसल को बचाने के लिए जी जान से जुटा है। गोप ने सरकार से आग्रह किया है कि जो भी क्षतिपूर्ति बनती है सरकार उसे जल्द से जल्द भुगतान करे, ताकि भूखे मरने की नौबत ना आए। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु दुबे ने प्रखंड और जिला प्रशासन से किसानों को यथाशीघ्र राहत देने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक ओर कम बारिश के कारण फसल ठीक नहीं हुई और जो हुई भी उसपर बारिश ने पानी फेर दिया है। ऐसे में किसानों के प्रति सरकार नरम रूख अपनाते हुए तत्काल राहत देने का काम करे।
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वर्जन
बारिश से धान बीज की उत्पादन क्षमता पर असर पड़ेगा। इसलिए जरुरी है कि खलिहान में रखी फसल को बचाया जाए। जो फसल खेतों में है, उसे अभी खतरा नहीं। यह खतरा तब बढ़ सकता है, जब तेज हवा या बारिश हो। खलिहान में रखी हुई फसल को प्लास्टिक से ढक देना उचित होगा। धूप निकलते ही इसे सूखा कर तत्काल धान को अलग कर रखना होगा।
- डॉ. आदर्श श्रीवास्तव, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र बलियापुर
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खलिहान में रखी हुई फसल को क्षति होती है तो इसका हर्जाना बीमा के तहत पूरा किया जा सकता है। खेत और खलिहान की फसल पर बीमा लागू होता है। किसानों को अपनी फसल को बचाना आवश्यक है। जिले में 70 फीसद तक धान कटाई का काम पूरा हो चुका है। क्षति का आकलन किया जाएगा।
- असीम रंजन एक्का, जिला कृषि पदाधिकारी धनबाद
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