धनबाद में 2 दिन में खत्म हो जाएंगे कोविशिल्ड के 920 डोज, खपत के लिए सभी प्रभारियों को निर्देश
धनबाद में कोविशिल्ड वैक्सीन के 920 डोज फिर से नष्ट होने वाले हैं क्योंकि इनकी एक्सपायरी डे नजदीक है। इसके पहले भी शहर में 48 लाख रुपए की वैक्सीन और 40 लाख रुपए की रेमडेसिविर बर्बाद हो गई है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से वैक्सीन की बर्बादी का सिलसिला नहीं थम रहा है। पहले अधिकारियों की उदासीनता के कारण 40 लाख रुपए का रेमडेसिविर बर्बाद हुआ। इसके बाद 48 लाख रुपए की कोरोना वैक्सीन बर्बाद हो गई। अब एक बार फिर से लगभग 900 से ज्यादा कोविशिल्ड वैक्सीन बर्बाद होने की कगार पर है। रांची मुख्यालय की ओर से धनबाद को पिछले माह कोविशिल्ड के 5000 डोज भेजे गए थे, लेकिन अब 9 फरवरी के बाद ये भी नष्ट होने वाले हैं। इधर, वैक्सीन एक्सपायर होने के 2 दिन पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल इसके खपत का निर्देश दिया है।
वैक्सीन आने के बावजूद नहीं प्रचार -प्रसार
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बेरुखी की वजह से समय पर धनबाद के लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पाई। वैक्सीन आने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से टीकाकरण केंद्रों की संख्या भी नहीं बढ़ाई गई। जिले में केवल सदर अस्पताल में ही टीकाकरण केंद्र खोला गया। इन सबके चलते लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिल पाई, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी रुचि नहीं ली। अब जाकर अधिकारियों के कान खड़े हुए हैं।
धनबाद में 3 लाख लोगों को अब तक नहीं लगा एक भी टीका
जिला टीकाकरण विभाग की माने तो धनबाद में कुल 20 लाख लोगों को टीकाकरण से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 2 वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक मात्र 17 लाख लोगों को ही पहला डोज लग पाया है। वहीं 12 लाख लोगों को दूसरा डोज लगाया गया है। लगभग तीन लाख लोगों को अब तक एक भी टीका नहीं लग पाया है। 11.40 लाख लोगों को बूस्टर डोज टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें अभी तक 1.50 लाख लोगों को ही बूस्टर डोज लग पाया है। आलम यह है कि पूरे राज्य में धनबाद की स्थिति 22वें पायदान पर चली गई है।
बूस्टर में लोगों की रूचि कम
धनबाद के जिला टीकाकरण पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने कहा, टीकाकरण में तेजी के लिए सभी प्रभारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। जो वैक्सीन मिले हैं वह शॉर्ट टर्म एक्सपायरी की है। बूस्टर के प्रति लोगों ने रूचि कम है इसीलिए लोग केंद्र पर कम आये।
यह भी पढ़ें- मेला देखकर लौट रहे अधिकारियों ने देखा खेला, स्टोन चिप्स से लदे दर्जनभर हाइवा-ट्रक पर पड़ी नजर, जांच जारी