Dhanbad: खजाने में छह माह से पड़ा है दो करोड़... बावजूद मुक्तिधाम के लिए धनबाद में नहीं मिली जमीन

धनबाद में मृत पशु को अंतिम संस्कार के लिए पशुपालन विभाग के खजाने में दो करोड़ रुपए 8 महीने से पड़े हुए हैं। लेकिन अभी तक धनबाद के किसी भी अंचलाधिकारी ने जमीन चिन्हित करके पशुपालन विभाग को नहीं जिस पाए हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 23 May 2022 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 23 May 2022 01:48 PM (IST)
Dhanbad: खजाने में छह माह से पड़ा है  दो करोड़... बावजूद मुक्तिधाम के लिए धनबाद में नहीं मिली जमीन
अंतिम संस्कार के लिए पशुपालन विभाग के खजाने में दो करोड़ रुपए 8 महीने से पड़े हुए हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद में मृत पशु को अंतिम संस्कार के लिए पशुपालन विभाग के खजाने में दो करोड़ रुपए 8 महीने से पड़े हुए हैं। लेकिन अभी तक धनबाद के किसी भी अंचलाधिकारी ने जमीन चिन्हित करके पशुपालन विभाग को नहीं जिस पाए हैं। लिहाजा जानवरों के लिए मुक्तिधाम की योजना अधर में पड़ गई है। राज्य सरकार की ओर से अक्टूबर 2021 में पशुपालन विभाग को दो करोड़ रुपए आवंटित किए गए। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ प्रवीण कुमार धनबाद सहित सभी प्रखंडों के अधिकारी को पत्र लिखकर उनके इलाके में जमीन की खोज करने को कहा गया। लेकिन अभी तक किसी भी अंचलाधिकारी ने जमीन उपलब्ध नहीं कराया है।

अंचलाधिकारी उदासीनता के कारण अधर में योजना

डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि जनवरी में ही सभी अंचलाधिकारी को पत्र लिखे गए थे। लेकिन पत्र का जवाब अभी तक नहीं आ पाया है। ऐसे में सरकार की जानवरों के अंतिम संस्कार करने की मुक्तिधाम की योजना अधर में पड़ सकती है। जमीन चिन्हित नहीं हो पाती है तो आखिरकर योजना वापस हो जाएगी। उन्होंने इस संबंध में विभाग को भी सूचित किया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से भी विभिन्न गौशाला की संचालकों से भी वार्ता की है। संस्था से भी बातचीत की है। लेकिन अभी तक जमीन के लिए कोई ठोस पहल नहीं हो पाया है।

सड़कों पर ही पड़े रहते हैं मृत जानवरों के शव

जिले में आए दिन सड़क दुर्घटना सहित विभिन्न हादसों में कई जानवरों की मौत हो जाती है। लंबे समय तक सड़क पर ही जानवर पड़े रहते हैं। मवेशियों की मौत हो जाने के बाद जहां फेंक दिए जाते हैं। इसे महामारी के खतरे की आशंका रहती है। पिछले दिनों भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मुकेश पांडे के नेतृत्व में जिला पशुपालन पदाधिकारी से मुलाकात की। हालांकि अभी तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं हो पाया है।

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