आश्रित को नियोजन देने की मांग पर ग्रामीणों ने एमपीएल के समक्ष किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी निरसा एमपीएल में बागवानी में कार्यरत मजदूर रतनपुर चारकोनिया निवासी 28 वर्षीय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 07:29 PM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 07:29 PM (IST)
आश्रित को नियोजन देने की मांग पर ग्रामीणों ने एमपीएल के समक्ष किया प्रदर्शन
आश्रित को नियोजन देने की मांग पर ग्रामीणों ने एमपीएल के समक्ष किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, निरसा : एमपीएल में बागवानी में कार्यरत मजदूर रतनपुर चारकोनिया निवासी 28 वर्षीय महावीर बाउरी की मृत्यु सोमवार की रात हृदय गति रुक जाने से हो गई। मृतक के आश्रित को नियोजन देने व उसके बकाया राशि के भुगतान की मांग को लेकर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी व पलारपुर पंचायत के मुखिया विश्वरूप मंडल के नेतृत्व में मंगलवार को ग्रामीणों ने एमपीएल गेट के समक्ष शव को रखकर प्रदर्शन किया। निरसा सीओ व थाना प्रभारी की पहल पर त्रिपक्षीय वार्ता हुई। एमपीएल प्रबंधन द्वारा मृतक के आश्रित को नियोजन देने व बकाया राशि का भुगतान करने का आश्वासन देने के तीन घंटे बाद आंदोलन समाप्त हुआ।

जानकारी के अनुसार महावीर को एमपीएल में नियोजन उसकी जमीन के बदले मिला था। वह घर का एक मात्र कमाऊ सदस्य था। इसकी मौत से पत्नी झूमा बाउरी व स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के पिता जगन्नाथ बाउरी ने बताया कि लगभग तीन माह पूर्व महादेव की तबीयत खराब हुई थी। उसका इलाज ईएसआई अस्पताल में चल रहा था। जनवरी माह में चिकित्सकों ने उसे स्वास्थ्य घोषित कर दिया। उसके बावजूद उसे एमपीएल में काम पर नहीं रखा जा रहा था। सोमवार सुबह उसे एमपीएल कार्यालय बुलाया गया था। फिर शाम को बुलाया गया। शाम को घर वापस आने के बाद वह काफी निराश नजर आ रहा था। काम पर नहीं रखे जाने से वह मानसिक रूप से काफी परेशान था। घर की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी। सोमवार की रात उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई। यदि उसे काम पर रख लिया जाता तो आज उनका बेटा उन लोगों के साथ होता।

पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि चिकित्सकों द्वारा फिट घोषित करने के बावजूद ढाई माह से महावीर को काम नहीं दिया गया जिसके बाद यह घटना घटी। इसी प्रकार रतनपुर निवासी विस्थापित बोदीलाल बास्की बीते ढाई वर्षों से बीमार है। उसने लिखित रूप से एमपीएल प्रबंधन को दिया कि उसके स्थान पर उसकी पत्नी को काम पर रखा जाए। आज तक उसकी पत्नी को काम पर नहीं रखा गया।

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