Birsa Munda Park: लगातार दूसरे माह भी कर्मचारियों के वेतन पर संकट, 10 में आठ सिक्योरिटी गार्ड को पहले ही हटाया

छह माह से बंद पड़े बिरसा मुंडा पार्क का मेंटेनेंस खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। इससे निपटने के लिए पिछले माह नगर निगम ने 10 में से आठ सिक्योरिटी गार्ड को हटा दिया। इसके बाद भी पार्क के 27 कर्मचारियों को वेतन देना भारी पड़ रहा है।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 09:06 PM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 09:06 PM (IST)
Birsa Munda Park: लगातार दूसरे माह भी कर्मचारियों के वेतन पर संकट, 10 में आठ सिक्योरिटी गार्ड को पहले ही हटाया
छह माह से बंद पड़े धनबाद के बिरसा मुंडा पार्क में फिलहाल 27 कर्मचारी हैं।

धनबाद, जेएनएन। कोरोना की वजह से छह माह से बंद पड़े बिरसा मुंडा पार्क का मेंटेनेंस खर्च निकालना भी नगर निगम के लिए मुश्किल हो गया है। इससे निपटने के लिए पिछले माह निगम ने दस में से आठ सिक्योरिटी गार्ड को हटा दिया। इसके बाद भी पार्क के 27 कर्मचारियों को वेतन देना निगम को भारी पड़ रहा है। इन कर्मचारियों को अगस्त माह की तनख्वाह अभी तक नहीं मिली है और अब सितंबर के वेतन पर भी संकट है। सिक्योरिटी गार्ड को हटाने के बाद भी निगम को चार से पांच लाख रुपये वेतन देना है। अगस्त का ही पांच से छह लाख बकाया चल रहा है।

नगर निगम का कहना है पार्क बंद होने से आमदनी हो नहीं रही है और पार्क की बची हुई राशि व दूसरे मद से पिछले पांच माह तक भुगतान किया गया। अब तनख्वाह देना संभव नहीं है। हालांकि नगर आयुक्त कहते हैं कि कोशिश की जा रही है कि सभी कर्मचारियों को वेतन मिल जाए, लेकिन पैसे का संकट तो बना हुआ है। पिछले छह माह से पार्क के माध्यम से एक रुपए की आय निगम को नहीं हुई है। यहां बता दें कि पार्क 27 कर्मचारियों में से तीन लिलौरी स्थान पार्क और चार अन्यत्र कार्यरत हैं। ऐसे में नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने निगम के खर्च में कटौती के लिए सुरक्षा गार्डों को हटाने का निर्णय लिया है।

प्रतिमाह 6-8 लाख की होती थी टिकट से आमदनी : पार्क मैनेजर निवास बताते हैं कि कोराना काल से पहले बिरसा मुंडा पार्क में आनेवाले पर्यटकों से निगम को महीने में औसतन 5-6 लाख रुपये की आमदनी होती थी। छह माह से एक रुपए की आय नहीं हुई, लेकिन वेतन और मेंटेनेंस का खर्च हर महीने देना पड़ रहा है। पार्क में झाड़ियां उग आ रही हैं, इसे साफ करने का खर्च अलग से देना पड़ रहा है।

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