Himanshu kidnapping case: दिल्ली में रची गई थी गिरिडीह के व्यापारी के अपहरण की साजिश, छह अपराधी गिरफ्तार

Himanshu Mondal kidnapping case गिरिडीह से सात सौ रुपये में पुलिस की वर्दी खरीदी। पहन कर साइबर पुलिस बन गए। इसके बाद हिमांशु मंडल की दुकान पर पहुंचे।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 07:23 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 07:23 AM (IST)
Himanshu kidnapping case: दिल्ली में रची गई थी गिरिडीह के व्यापारी के अपहरण की साजिश, छह अपराधी गिरफ्तार
Himanshu kidnapping case: दिल्ली में रची गई थी गिरिडीह के व्यापारी के अपहरण की साजिश, छह अपराधी गिरफ्तार

गिरिडीह, जेएनएन। Himanshu Mondal kidnapping case  बिरनी थाना क्षेत्र के द्वारपहरी से अपहृत व्यवसायी हिमांशु मंडल की बरामदगी के बाद पुलिस ने इस मामले में छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से कार, पिस्तौल व पांच मोबाइल बरामद हुए। गिरफ्तार आरोपितों में चतरा जिले के पत्थराथान व बलिया गांव निवासी क्रमश: शशि साव व संजय पंडा, गिरिडीह के कठवारा निवासी दीपक मंडल, जमुआ के चुंगलो गादी निवासी अरविंद मंडल, बिरनी थाना क्षेत्र के चिताखारो निवासी सुकर मंडल और मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बरमसिया टोला निवासी बिमल मंडल शामिल हैं। दो अपराधियों ने अपहरण को अंजाम देने के लिए तीन दिनों तक रेकी की थी। हिमांशु जामताड़ा के करमाटांड का निवासी हैं और द्वापहरी में दुकान चलाते हैं।

सभी अपराधी अंतर जिला गिरोह के सदस्य 

एसपी के अनुसार, शशि साव व दीपक मंडल पेशेवर अपराधी है। सभी अंतर जिला गिरोह के सदस्य हैं। शशि पहले भी डकैती कांड में तीन साल जेल की सजा काट चुका है। चतरा में सड़क लूट के मामले में नौ माह और धनबाद के कतरास में डकैती के मामले में वह आठ माह जेल में रह चुका है। दीपक मंडल भी हीरोडीह में हुए  हत्याकांड में वर्ष 2015 से 2017 तक जेल में रहा।  एसपी के अनुसार, दिल्ली से अपहरण की साजिश रचकर अरविंद मंडल व दीपक कार से चौपारण पहुंचे। फिर वे शशि साव, संजय पंडा एवं अनिल पंडा को लेकर गिरिडीह आए। यहां एक दिन बिताया। इसके बाद 12 सितंबर को सुकर व विमल की मदद से पहचान कराया।

सात साै रुपये में खरीदी पुलिस की वर्दी 

सात सौ रुपये में गिरिडीह से एक पुलिस वर्दी खरीदकर शाम करीब 7:30 बजे वे सभी साइबर पुलिस बनकर जांच के बहाने अपराधी हिमांशु की दुकान पहुंचे। फिर हिमांशु को दुकान से बाहर निकाल कर वाहन में बैठाकर ले गए। अपहृत को मयूरहंड के बलिया जंगल में छिपाकर रखा और उसी के मोबाइल से परिजनों को फोन कर पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी। पुलिस ने चार टीम बनाकर छापेमारी शुरू की। अपहृत के परिजन को पैसा लेकर अपराधियों के बुलाए स्थान पर जाने को कहा गया। भागने के दौरान बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया।

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