भ्रष्टाचार पर खुलकर बोलें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कहा- तीसरी आंख से होगी निगरानी, भ्रष्टाचारी जाएंगे जेल

दुमका और बरहेट में किसी एक सीट के छोडऩे के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह काम संगठन का है। समय आने पर बताएंगे। उन्होंने दुमका को अपनी कर्मभूमि बताया।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Sun, 05 Jan 2020 08:24 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jan 2020 08:24 PM (IST)
भ्रष्टाचार पर खुलकर बोलें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कहा- तीसरी आंख से होगी निगरानी, भ्रष्टाचारी जाएंगे जेल
भ्रष्टाचार पर खुलकर बोलें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कहा- तीसरी आंख से होगी निगरानी, भ्रष्टाचारी जाएंगे जेल

धनबाद/दुमका, जेएनएन। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन CM Hemant Soren ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेगी। प्रखंड से जिला तक सरकार की तीसरी आंख उस पर रहेगी। भ्रष्टाचार करने वाले जेल जाएंगे। सरकार के खजाना के सवाल पर कहा कि जल्द ही श्वेत पत्र जारी कर लोगों को बताया जाएगा कि राज्य की हालात क्या है। एक पखवारा में शिक्षा, स्वास्थ्य और किसान के मसले पर कार्य दिखेगा। नई सरकार में किसानों का विशेष ख्याल रखा जाएगा। धान का मूल्य तो निर्धारित होता ही है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार सब्जी का भी न्यूनतम मूल्य निर्धारित करेगी। उनके सब्जी औने पौने दाम में नहीं बिकेंगे। किसान बिचौलिया के हाथ में नहीं खेलेंगे। आमजन के सहयोग से यह सरकार विकास में एक बदलाव करेगी। जल्द ही किसान बैंक एवं ग्रामीण बैंक की सोच धरातल पर दिखेगी। विकास का रोडमैप तैयार है, उसे जमीन पर उतारना है, जो आने वाले समय में दिखने लगेगा।

दुमका मेरी कर्मभूमि, संगठन अपना काम करेगी : रविवार को राजभवन में बुद्धिजीवियों से बातचीत के बात पत्रकारों से बात करते हुए हेमंत ने कहा कि झारखंड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी की मांग के अनुरूप सरकार केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजेगी। दुमका और बरहेट में किसी एक सीट के छोडऩे के सवाल पर कहा कि यह काम संगठन का है। समय आने पर बताएंगे। उधर बुद्धिजीवियों को संबोधित करते कहा कि दुमका उनकी कर्मभूमि है। जिसे वह अपने माता-पिता के रूप में मानते हैं। यहां की जनता के सहयोग से आने वाले समय में इसका नाम मान-सम्मान से लिया जाएगा।

पुरानी किताबें देने के प्रस्ताव का किया स्वागत : मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से मिली पुस्तक से वह लाइब्रेरी खोलेंगे। पुरानी किताब भी देने का प्रस्ताव कुछ लोगों ने किया है। उसका भी स्वागत करते हैं और इन पुरानी किताबों को उन गरीब बच्चों तक पहुंचाया जाएगा जिनको इसकी जरूरत है। हेमंत अपने खिजुरिया स्थित आवास से सबुह सबसे पहले मांझीथान गए। सोहराय पर्व में शामिल हुए और मांदर की थाप पर थिरके। लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद राजभवन के कार्यक्रम में शामिल हुए। 

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