सत्ता के सहारे फिर कांग्रेस कार्यालय हासिल करने की कवायद; जिलाअध्यक्ष ने वित्त मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री को दिया आवेदन Dhanbad News

लूबी सर्कुलर रोड स्थित कांग्रेस जिला कार्यालय का भव्य भवन था। अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता जहां किराए के भवन के लिए तरसते थे कांग्रेसियों के लिए यह सत्ता के रसूख का परिचायक था।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Tue, 17 Mar 2020 07:39 PM (IST) Updated:Tue, 17 Mar 2020 07:39 PM (IST)
सत्ता के सहारे फिर कांग्रेस कार्यालय हासिल करने की कवायद; जिलाअध्यक्ष ने वित्त मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री को दिया आवेदन Dhanbad News
सत्ता के सहारे फिर कांग्रेस कार्यालय हासिल करने की कवायद; जिलाअध्यक्ष ने वित्त मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री को दिया आवेदन Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। पिछले 10 वर्ष से बंद पड़े कांग्रेस कार्यालय को एक बार फिर खुलवाने की कवायद शुरू कर दी गई है। सत्ता के सहारे प्राप्त कार्यालय को खुलवाने के लिए फिर सत्ता का ही सहारा लिया जा रहा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष व झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव व संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को इस संबंध में आवेदन दिया है। आलमगीर आलम के पास ग्रामीण विकास विभाग भी है, जिसमें जिला परिषद भी आता है। 

आवेदन में ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि कांग्रेस जिला कार्यालय को गलत तरीके से जिला परिषद द्वारा सील किया गया है। वर्ष 1962 में तत्कालीन बिहार सरकार ने कांग्रेस पार्टी को जिला कार्यालय के लिए एक बीघा 10 कट्ठा जमीन आवंटित किया था। इसके संचालन के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा गया था। वह भी हमने वर्ष 2011 में ही बना दिया है। बिहार सरकार द्वारा आवंटित जमीन का आवंटन रद कर उसे जिला परिषद द्वारा सील कर दिया गया है। संभवत: इसे गलतफहमी में सील किया गया है। इसके खिलाफ हमने हाई कोर्ट में रिट याचिका भी दायर की है। इसपर मंत्रियों ने कानूनी पक्ष जानने के बाद आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। 

लीज समाप्त होने पर सील किया गया था कार्यालय : वर्ष 2011 में कांग्रेस जिला कार्यालय, इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भवन व यूनियन क्लब को लीज की अवधि समाप्त होने व उसका नवीकरण नहीं कराने के कारण जिला परिषद ने सील कर दिया था। यूनियन क्लब के आगे के हिस्से में मार्केट बनाने पर भी जिला परिषद को आपत्ति थी। कहना था कि लीज पर ली गई जमीन को पुन: लीज पर (किराए पर दुकान) कैसे दिया जा सकता है। व्यावसायिक उपयोग पर भी परिषद को आपत्ति थी। लंबी अदालती प्रक्रियाओं के बाद यूनियन क्लब मुकदमा जीत गया और अब वह फिर गुलजार हो चुका है। दूसरी तरफ इंटक खुद के यूनियन की लड़ाई में फंसा है। वहीं आइएमए हॉल व कांग्रेस कार्यालय भी अब तक बंद है।

जंगल की ओट में खंडहर हो रहा कार्यालय : लूबी सर्कुलर रोड स्थित कांग्रेस जिला कार्यालय का भव्य भवन व विस्तृत प्रांगण था। अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता जहां छोटे से किराए के भवन के लिए तरसते थे, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए यह सत्ता के रसूख का परिचायक था। सील होने के बाद अब स्थिति उतनी ही बदतर है। हमेशा नेताओं की महंगी गाडिय़ों से भरा रहने वाले परिसर में अब बड़े-बड़े पेड़ उग आए हैैं। नेताओं-कार्यकर्ताओं से गुलजार रहने वाला भवन खंडहर हो चुका है। कार्यालय का परिसर काफी बड़ा था व भवन में बड़ा हॉल भी था, जिसके कारण किसी समारोह के लिए भी कांग्रेसियों को बाहर का मुंह नहीं देखना पड़ता था। आज हाउसिंग कॉलोनी के कार्यालय में कायदे से बैठक करना भी मुश्किल है। प्रांगण के एक हिस्से में कई फुटपाथ दुकानदार अपनी गुमटियां खड़े किए हुए हैं। यही हाल इंटक कार्यालय (सर माइकल जॉन स्मृति भवन) का है।

जिला अध्यक्ष ने रिट याचिका दायर की :

हमने प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रियों को बताया है कि रिट याचिका मेरी तरफ से ही दायर की गई है। इस पर अभी तक कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। यदि वे बिहार सरकार के आवंटन के मद्देनजर यह भवन व परिसर हमें फिर लौटा देते हैैं तो अदालत से रिट याचिका वापस ले ली जाएगी। -ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस

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