हर मर्ज की दवा बनेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन, जानिए
आइएसएम के साथ मिलकर आईबीएम पूर्वी क्षेत्र में अपना पहला क्लाउड डाटा सेंटर शुरू करने जा रहा है। आइबीएम ने आइएसएम के सहयोग से इमरजिंग टेक्नालाजी लैब खोला है।
धनबाद, शशिभूषण। आइआइटी-आइएसएम और आइबीएम का 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन' न केवल मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों की दिशा और दशा तय करेगा। आदमी की तरह सोचने वाला यह एप्लीकेशन केवल कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के लिए ही नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग के प्रत्येक संकायों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यूं कहें तो बगैर इस एप्लीकेशन के पूरी पढ़ाई अधूरी रह जाएगी, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन हर समस्या का समाधान करने में सक्षम होगा।
आइआइटी आइएसएम के साथ मिलकर आईबीएम पूर्वी क्षेत्र में अपना पहला क्लाउड डाटा सेंटर शुरू करने जा रहा है। आइबीएम ने आइएसएम के सहयोग से इमरजिंग टेक्नालाजी लैब खोला है, जहां प्रशिक्षण देकर इस एप्लीकेशन में दक्ष बनाया जाएगा। अलग-अलग फीचर्स के जरिए करेगा काम आदमी की तरह सोचने वाला यह 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन' का तकनीक के रूप में कई फायदे देखने को मिलेंगे। यह एप्लीकेशन अलग-अलग फीचर्स के जरिए काम करेगा। इसका सबसे पहले फायदा कंपनियों की समस्याओं को हल करने में होगा। वहीं, कंपनियों को पहले की तरह डेटा और बैकअप रखने के लिए बडे-बडे सर्वर नहीं रखने पड़ेंगे, क्योंकि यह एप्लीकेशन कंपनियों के स्टोरज की उस समस्या को खत्म कर देगी। इसका सीधा फायदा कंपनी के बिजनेस पर पड़ेगा, क्योंकि इससे कंपनियों को अब अपने बैकअप और डाटा के बारे में न सोचकर सिर्फ अपने बिजनेस और सर्विस पर ध्यान देना होगा।
सुरक्षा के साथ भरोसा भीः आइआइटी आइएसएम के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. हैदर बंका ने बताया कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन' जहा डाटा स्टोर कर डेटा की सुरक्षित करेगा, वहीं अच्छा परफॉमेंस भी देगा। न केवल कंपनी बल्कि कोई भी कहीं पर भी अपना डाटा एक्सेस कर सकता है। डाटा खो जाने का डर इस एप्लीकेशन के बाद खत्म हो जाएगा।
संस्थान से बाहर के लिए 10 सीटः रिजर्व प्रो हैदर बंका ने बताया कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन' का कोर्स 25 मार्च से शुरू होगा, जो छह अप्रैल तक चलेगा। इस कोर्स में 50 प्रतिशत क्लास आइबीएम लेगा वहीं 50 प्रतिशत क्लास आइएसएम लेगा। क्लास सोमवार से शुक्रवार तक चलेगा। प्रो. बंका ने बताया कि बाहरी लोगों को भी यह कोर्स करने का मौका मिलेगा। इसके लिए 10 सीट रिजर्व किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले आओ और पहले जगह पाओ के आधार पर सीट रखा गया है। सोमवार से इस कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा।
आइआइटी आइएसएम के साथ मिलकर आईबीएम पूर्वी क्षेत्र में अपना पहला क्लाउड डाटा सेंटर शुरू करने जा रहा है। आइबीएम ने आइएसएम के सहयोग से इमरजिंग टेक्नालाजी लैब खोला है, जहां प्रशिक्षण देकर इस एप्लीकेशन में दक्ष बनाया जाएगा। अलग-अलग फीचर्स के जरिए करेगा काम आदमी की तरह सोचने वाला यह 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन' का तकनीक के रूप में कई फायदे देखने को मिलेंगे। यह एप्लीकेशन अलग-अलग फीचर्स के जरिए काम करेगा। इसका सबसे पहले फायदा कंपनियों की समस्याओं को हल करने में होगा। वहीं, कंपनियों को पहले की तरह डेटा और बैकअप रखने के लिए बडे-बडे सर्वर नहीं रखने पड़ेंगे, क्योंकि यह एप्लीकेशन कंपनियों के स्टोरज की उस समस्या को खत्म कर देगी। इसका सीधा फायदा कंपनी के बिजनेस पर पड़ेगा, क्योंकि इससे कंपनियों को अब अपने बैकअप और डाटा के बारे में न सोचकर सिर्फ अपने बिजनेस और सर्विस पर ध्यान देना होगा।
सुरक्षा के साथ भरोसा भीः आइआइटी आइएसएम के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. हैदर बंका ने बताया कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन' जहा डाटा स्टोर कर डेटा की सुरक्षित करेगा, वहीं अच्छा परफॉमेंस भी देगा। न केवल कंपनी बल्कि कोई भी कहीं पर भी अपना डाटा एक्सेस कर सकता है। डाटा खो जाने का डर इस एप्लीकेशन के बाद खत्म हो जाएगा।
संस्थान से बाहर के लिए 10 सीटः रिजर्व प्रो हैदर बंका ने बताया कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अप्लीकेशन' का कोर्स 25 मार्च से शुरू होगा, जो छह अप्रैल तक चलेगा। इस कोर्स में 50 प्रतिशत क्लास आइबीएम लेगा वहीं 50 प्रतिशत क्लास आइएसएम लेगा। क्लास सोमवार से शुक्रवार तक चलेगा। प्रो. बंका ने बताया कि बाहरी लोगों को भी यह कोर्स करने का मौका मिलेगा। इसके लिए 10 सीट रिजर्व किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले आओ और पहले जगह पाओ के आधार पर सीट रखा गया है। सोमवार से इस कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा।