Jharkhand: मिट़़्टी की दीवार गिरने से बालक की मौत, जिउतिया पर्व का उपवास तोड़ने से पहले मां ने खोया बेटा

दुमका के मसलिया थाना क्षेत्र के खिलकनाली गांव में शुक्रवार को लगातार बारिश की वजह से मिट्टी की दीवार गिर गई। उसके नीचे दब जाने से नौ साल के एक बालक बादल पंडित की मौत हो गई।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 06:00 PM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 06:09 PM (IST)
Jharkhand: मिट़़्टी की दीवार गिरने से बालक की मौत, जिउतिया पर्व का उपवास तोड़ने से पहले मां ने खोया बेटा
Jharkhand: मिट़़्टी की दीवार गिरने से बालक की मौत, जिउतिया पर्व का उपवास तोड़ने से पहले मां ने खोया बेटा

दुमका, जेएनएन। जिले के मसलिया थाना क्षेत्र के खिलकनाली गांव में शुक्रवार को लगातार बारिश की वजह से मिट्टी की दीवार गिर गई। उसके नीचे दब जाने के कारण नौ साल के एक बालक बादल पंडित की मौत हो गई। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सुबह ही दादा भरत पंडित ने बालक को नए कपड़े दिए थे। वह उसी कपड़े को पहनकर पूरा आंगन में कूद रहा था। वह दीवार के पास खड़े होकर बीमार दादी को कपड़े देखने के लिए बुला रहा था। इसी बीच मिट्टी की दीवार गिर गई और उसके नीचे दब गया।

घटना के बाद मौके पर हाहाकार मच गया। आनन फानन में गांव के लोग व परिजनों ने बालक को मिट्टी से बाहर निकाला और देवघर जिला के बरजोड़ी अस्पताल लेकर गए। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बालक के मृत्यु की खबर सुनने के बाद जिउतिया पर्व की खुशी का माहौल गम में बदल गया। बादल चार भाई-बहनों में सबसे अनुज होने के कारण दुलारा था। पिता धनंजय पंडित रो-रोकर बेसुध हो रहे थे।

वहीं, मां शांति देवी जिउतिया का व्रत तोड़कर प्रसाद भी ग्रहण नहीं की थी कि उनका लाड़ला मौत के आगोश में सो गया। जिस पुत्र के दीर्घायु कामना लिए शांति देवी ने व्रत रखा, वहीं मौत की नींद सो गया। उनका भी रो-रोकर बुरा हाल है। बेटे को याद कर शांति रह-रहकर बेसुध हो जा रही हैं। गांव के लोग परिवार को हर तरह से सांत्वना देकर शांत कराने का प्रयास करते रहे। दोपहर बाद परिजनों ने बालक का अंतिम संस्कार भी कर दिया।

chat bot
आपका साथी