भूली के 70 परिवारों ने सहेजा बारिश का पानी, बढ़ाया जलस्तर

जिले में गर्मी बढ़ने के साथ ही जलसंकट उत्पन्न होने लगता है। धनबाद मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर भुली खरीकाबाद में भी कुछ साल पहले यही हाल था। लोगों को गर्मी के दिनों में पानी खरीदना पड़ता था। बाद में यहां रह रहे 70 परिवार के 250 लोगों ने जलसंकट को देखते हुए बारिश के बूंदों को सहेजने का निर्णय लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 06:05 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 06:05 AM (IST)
भूली के 70 परिवारों ने सहेजा बारिश का पानी, बढ़ाया जलस्तर
भूली के 70 परिवारों ने सहेजा बारिश का पानी, बढ़ाया जलस्तर

संवाद सहयोगी, भूली : जिले में गर्मी बढ़ने के साथ ही जलसंकट उत्पन्न होने लगता है। धनबाद मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर भुली खरीकाबाद में भी कुछ साल पहले यही हाल था। लोगों को गर्मी के दिनों में पानी खरीदना पड़ता था। बाद में यहां रह रहे 70 परिवार के 250 लोगों ने जलसंकट को देखते हुए बारिश के बूंदों को सहेजने का निर्णय लिया। इन्होंने बीसीसीएल के एक बंद खदान के मुहाने को इसके लिए चुना। बाद में बस्ती के दर्जनों लोग इस अभियान में शामिल हो गए और बंद खदान के मुहाने में वर्षा जल का संग्रह करने व उसका जलछाजन करने का कार्य शुरू किया। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग आई और आज यह एक बड़ा डोभा का रूप ले लिया है। अब यहां सालों भर पानी भी रहता है। खरीकाबाद में रहनेवाले लोग इस पानी का प्रयोग घरेलू कार्यो के निष्पादन के लिए करते हैं। खरीकाबाद बस्ती के साथ भुईयां टोला, दास टोला व बाउरी बस्ती के लोग भी इस डोभा का लाभ उठाते हैं। लोगों ने बताया कि यहां दूसरे जगह से विस्थापित कर 25 परिवारों को बसाया गया था। लेकिन यहां पानी की समुचित व्यवस्था नहीं थी। यहां बीसीसीएल द्वारा समय-समय पर पीने के पानी की सप्लाई की जाती है। वहीं डोभा से बर्तन साफ करने कपड़ा धोने व नहाने जैसे कामों को किया जाता है। लोगों का कहना है कि अगर सरकारी मदद से इसका सुदृढ़ीकरण करवा दिया जाए तो आसपास के क्षेत्र का भूगर्भ जलस्तर भी बढ़ सकता है। वहीं लोगों द्वारा डोभा के आसपास खाली व बंजर जमीन पर घास व बड़े पत्तेदार पौधे लगाए जा रहे हैं। ताकि वातावरण के साथ-साथ गर्मी में भी इस डोभा का जलस्तर कम न हो। क्या कहते हैं लोग

खरीकाबाद के लोग जलसंकट से जूझ रहे थे। आज बीसीसीएल के बंद खदान के मुहाने को बरसात का पानी जमा कर लगभग साल भर यहां के लोग अपने घरेलू कार्यों का निष्पादन करते हैं।

धनंजय प्रामाणिक, ग्रामीण घर का काम करने में भी पहले पानी के लिए भटकना पड़ता था। दूर-दराज से पानी लाकर घर का काम करते थे। दो साल पहले बरसात के पानी को जमा करने का काम किया गया। अब साल भर घरेलू कार्य इसी पानी से किया जाता है।

नामवाती देवी, गृहिणी घर का काम करने में भी पहले परेशानी होती थी। कपड़ा धोने, घर साफ करने व बर्तन धोने जैसे काम के लिए भी पहले पानी के लिए भटकना पड़ता था। आज बरसात के पानी को जमा होने से कपड़ा, बर्तन जैसे कार्य आसानी से हो जाता है। हमे सिर्फ पीने योग्य पानी के लिए अन्य श्रोत पर निर्भर रहना पड़ता है।

शोभा देवी, गृहिणी डोभा निर्माण से अब सालों भर घरेलू कार्य के लिए पानी उपलब्ध हो जाता है। भूगर्भ जल स्तर में वृद्धि हो गई है। पहले जो चापानल गर्मी के दस्तक के साथ ही सुख जाते थे आज सालों भर पानी दे रहे हैं।

शिव पासवान, ग्रामीण

chat bot
आपका साथी