मार्बल के चार कारोबारियों को आयकर विभाग ने कर-वंचना में लपेटा, 5.5 करोड़ भुगतान का निर्देश Dhanbad News

मार्बल व्यवसायियों द्वारा 18-20 करोड़ का कारोबार होने की बात सामने आई है। विभाग के अनुसार तीनों प्रतिष्ठानों ने क्रमश तीन करोड़ 1.5 करोड़ और एक करोड़ रुपये की आयकर चोरी की है

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 18 Mar 2020 08:04 AM (IST) Updated:Wed, 18 Mar 2020 08:04 AM (IST)
मार्बल के चार कारोबारियों को आयकर विभाग ने कर-वंचना में लपेटा, 5.5 करोड़ भुगतान का निर्देश Dhanbad News
मार्बल के चार कारोबारियों को आयकर विभाग ने कर-वंचना में लपेटा, 5.5 करोड़ भुगतान का निर्देश Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। शहर के चार प्रतिष्ठित मार्बल एवं सेनिटरी सामान बेचने वालों ने करीब 5.5 करोड़ रुपये की आयकर चोरी की है। आयकर विभाग की ओर से 24 घंटे तक किए गए जांच में यह मामला सामने आया है। जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि कच्चे कागजातों के आधार पर करीब 20 करोड़ रुपये का सामान बेचा गया है।

आयकर विभाग ने शहर के धैया स्थित श्याम सेनिटरी व फाइन मार्बल, हीरक रोड स्थित श्रीनाथ मार्बल और गोविंदपुर रोड स्थित बालाजी मार्बल में सोमवार को सर्वे शुरू किया था। विभाग को यह खबर मिली थी कि उपरोक्त चारों संस्थान बिना कागजातों के मार्बल, टाइल्स व सेनिटरी सामान की बिक्री कर रहे हैं। इसी सूचना को पुख्ता करने के बाद विभागीय टीम ने दबिश दी थी। 24 घंटे तक चली जांच के बाद व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। जांच में सामने आया है कि श्रीनाथ मार्बल के मालिक श्याम सुंदर अग्रवाल, बालाजी मार्बल के रवि अग्रवाल, श्याम सेनेटरी के घनश्याम अग्रवाल और फाइन मार्बल के प्रदीप अग्रवाल ने जो स्टॉक रजिस्टर में दर्शाया था, उससे कहीं अधिक का माल इनके प्रतिष्ठानों में बरामद हुआ। इसके अलावा सामान की खरीद-बिक्री भी कागजातों के आधार पर नहीं की गई है। कच्चे कागजात पर भी सामान बेचे गए हैं।

आयकर विभाग ने स्टॉक एवं खरीद-बिक्री का एक संभावित ब्यौरा तैयार किया है। इसके तहत 18 से 20 करोड़ का कारोबार होने की बात सामने आई है। विभाग के अनुसार तीनों प्रतिष्ठानों ने क्रमश: तीन करोड़, 1.5 करोड़ और एक करोड़ रुपये की आयकर चोरी की है। प्रारंभिक कार्रवाई के तहत आयकर विभाग ने व्यापार से संबंधित सारे दस्तावेज मसलन स्टॉक रजिस्टर, बिक्री और खरीद पुस्तिका, कंप्यूटर हार्ड डिस्क समेत तमाम दस्तावेज अपने कब्जे में लेते हुए 5.5 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है। उपरोक्त राशि जमा नहीं कराई जाती है, तो विभाग आगे की कार्रवाई करेगी। 

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