साइबर क्राइम के अंतरप्रांतीय गिरोह का खुलासा

By Edited By: Publish:Tue, 02 Sep 2014 09:49 PM (IST) Updated:Tue, 02 Sep 2014 09:49 PM (IST)
साइबर क्राइम के अंतरप्रांतीय गिरोह का खुलासा

जागरण संवाददाता, कतरास : साइबर क्राइम के अंतरप्रांतीय गिरोह का खुलासा कर धनबाद पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। मुख्य सरगना राजकुमार मंडल सहित गिरोह के तीन सदस्यों को बरोरा थाना क्षेत्र के मुराईडीह से स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनसे पुलिस को कई अहम जानकारियां मिलीं हैं। इस गिरोह का नेटवर्क देश के कई प्रांतों में फैला है। मंगलवार को सिजुआ एसडीपीओ कार्यालय में पत्रकारों को पुलिस अधीक्षक हेमंत टोप्पो ने यह जानकारी दी।

कहा कि कई माह से साइबर क्राइम की सूचनाएं मिल रही थी। इसकी छानबीन की जा रही थी। गुप्त सूचना पर सोमवार की सुबह बरोरा पुलिस ने मुराईडीह कालोनी से राजकुमार मंडल (19 वर्ष) व तुलसी मंडल (24 वर्ष) को पकड़ा। दोनों जामताड़ा के थाना नारायणपुर ग्राममिरगा के रहने वाले हैं। इनके अलावा यहीं से बांका के थाना कटोरिया ग्राम कडवामारनी के दिनेश कुमार मंडल (24 वर्ष ) को हिरासत में लिया। पुलिस ने इनके पास से छह मोबाइल, तीन पाकेट डायरी व एक एटीएम कार्ड बरामद किया। पूछताछ में तीनों युवकों ने पुलिस के समक्ष अपने अपराध स्वीकार कर लिये।

ऐसे करते थे वारदात : आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे अपने को बैंक अधिकारी बता खाताधारियों से एटीएम व खाता से संबंधित गोपनीय सूचना प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद मोबाइल साफ्टवेयर व इंटरनेट के माध्यम से रुपया अपने साफ्टवेयर एकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं। धोखाधड़ी व जालसाजी के जरिए ये कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। गिरोह के कई अन्य सदस्य जामताड़ा, दिल्ली, सूरत, राजस्थान आदि प्रांतों में सक्रिय हैं।

रिमाड पर लेगी पुलिस : हिरासत में लिए गए तीनों अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एसपी ने कहा कि पुलिस इन्हें रिमांड पर लेगी, ताकि अन्य मामलों में इनकी संलिप्तता व अहम जानकारी मिल सके। छापामारी करने वाली पुलिस टीम में थानेदार श्रीनिवास सिंह, नारायण तिवारी, विल्सन होरो, लालेश्वर राम, सत्येंद्र यादव, फरीद आलम, शिव प्रसाद महतो, गोपाल राम शामिल थे। पत्रकार वार्ता में डीएसपी विनोद कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर भगवान दास, बरोरा थानेदार श्रीनिवास सिंह, कतरास थानेदार सतीश कुमार सिन्हा थे।

साथियों से सीखी रुपया कमाने की तरकीब : मुख्य आरोपी राजकुमार मंडल ने पुलिस को बताया कि उसके पिता मुराईडीह में मांस की दुकान चलाते हैं। वह मैट्रिक की परीक्षा पास कर भुवनेश्वर में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए गया था। वहां तीस हजार रुपये मासिक खर्च बताया गया। अपने गांव नारायणपुर वापस आने पर साथियों ने उसे पैसे कमाने की तरकीब सुझायी। इसी तरकीब का अभ्यास कर उसने अनेक लोगों को अपना निशाना बनाया। उसने कहा कि बैंक के मुंबई हेड आफिस तथा अपना नाम राहुल बताकर लोगों से संपर्क करता था। मोबाइल के साफ्टवेयर के जरिए काम को अंजाम देता था।

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