कोरोना ही नहीं घोंघा से भी तबाह सारठ के किसान

घोंघा से तबाह सारठ के किसान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 05:05 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 05:05 PM (IST)
कोरोना ही नहीं घोंघा से भी तबाह सारठ के किसान
कोरोना ही नहीं घोंघा से भी तबाह सारठ के किसान

देवघर - कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन से ही नहीं बल्कि बेमौसम बरसात,आंधी और अब घोंघा समेत कई तरह के कीटों के कारण किसान चौतरफा मुश्किल में हैं। बेमौसम बरसात के कारण खेतों में जलजमाव से परेशान किसानों की फसलें भी नष्ट हो रही है। खासकर सब्जियों की खेती पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। आंधी के कारण मक्के की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। आम और लीची के फसलों को भी आंधी के कारण नुकसान हुआ है। सोमवार की शाम में आई आंधी के कारण जिले के विभिन्न प्रखंडों में क्षति हुई है। सदर प्रखंड देवघर के बंसबरिया, बिराजपुर, सिमरा में भी क्षति हुई है। बंसबरिया में एक बड़ा पेड़ आंधी में धराशायी हो गया लेकिन इससे किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

-----------------

सारठ - सारठ के किसान आंधी, बारिश और खेतों में जलजमाव के अलावा घोंघा और अन्य कई तरह के कीटों के प्रकोप से परेशान हैं। घोंघा का प्रकोप सामान्य तौर पर बारिश के दिनों में होता है लेकिन अभी हो रहे बेमौसम बरसात के कारण समय पहले ही घोंघा का प्रकोप दिखने लगा है। घोंघा व्यापक पैमाने पर फसलों को नष्ट कर रहे हैं। कई किसानों ने इसकी जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी के कृषि वैज्ञानिकों को देकर मदद की गुहार लगाई है। किसानों की शिकायत है कि बारिश में पैदा होने वाले घोंघा और इसका प्रकोप अभी ही फसलों पर हो रहा है। किसानों का कहना है कि घोंघा खेतों में लगी सब्जी के फसलों के तने को खुरच कर खा जा रहे हैं। इतना ही पत्ते भी चट कर रहे हैं। घोंघा के प्रकोप से परेशान किसान बार-बार नया पौधा लगा रहे हैं लेकिन घोंघा का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है।

----------------

घोंघा ने इन किसानों के फसलों को पहुंचाई है क्षति

---------------

पिपरासोल के प्रफुल्ल कुमार राय, महेंद्र प्रसाद राय, अमर प्रसाद राय, अखिलेश कुमार राय, पंडुआ के मानसिंह मुर्मू, करणबघिया के बबलू कुमार के खेतों में लगी फसलों को घोंघा ने क्षति पहुंचाई है।

--------------

क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक

----------------

कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी देवघर के कृषि वैज्ञानिक डॉ.विवेक कश्यप के मुताबिक घोंघा मोलस्का वर्ग का कीट है जो केवल बरसात के दिनों में ही पनपता है। चूंकि इसे जीवन चक्र के लिए अधिक नमी की जरूरत होती है इसलिए इसके पीठ पर थोड़ा सख्त शंखनुमा आकृति होती है। इसकी कई प्रजातियां हैं जिसमें छोटा घोंघा बढ़े प्रजातियों के ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। ये रात्रि में पौधों के नवजात भाग को काट कर नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए इसके रोकथाम के लिए पौधों के चारों ओर राख फैला देना चाहिए। लगातार खेत की साफ-सफाई जरूरी है। किसान घोंघा को एक जगह जमा कर 10 फीसद नमक के घोल में एक घंटा तक डूबो कर उसे जमीन में गाड़ दें। अधिक प्रकोप होने पर कार्बोफ्यूरान दानेदार दवा का छिड़काव 25 किलो प्रति हेक्टेयर के दर खेत में छिड़क देने से भी इनका सफाया हो जाता है। इसके अलावा मेटलीहाइड नामक दवा का भी प्रयोग किसान कर सकते हैं। घरेलू नुस्खा के तौर पर लहसून, नींबू, तंबाकू एवं काली मिर्च के घोल भी इस कीट पर प्रभावी होता है।

----------------------

करौं : प्रखंड में सोमवार शाम को तेज आंधी व पानी ने जमकर तबाही मचाई। इससे विभिन्न इलाकों में दर्जनों पेड़, बिजली पोल व तार गिर गए। कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गया। इससे ग्रामीण इलाकों में रात भर बिजली गुम हो गई। डिडाकोली निवासी लक्ष्मण प्रसाद सिंह के घर के उपर एक विशाल पेड़ गिरने से घर क्षतिग्रस्त हो गया है। इसकी चपेट में आकर दो बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गया है। आंधी के कारण कई एस्बेस्टस व पुआल के छत उड़ गये हैं। तेज आंधी के साथ हुई बारिश से आम की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं सब्जी के खेतों में पानी जमा हो जाने से नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है।

--------------

सोनारायठाढ़ी : सोनारायठाढ़ी प्रखंड क्षेत्र में सोमवार को तेज हवा के साथ बारिश हुई। आंधी की वजह से झांझी गांव में एक शीशम का पेड़ सड़क पर गिर गया। इसकी वजह से बिजली की तार भी टूट गई और बिजली आपूíत बाधित हो गई।

---------------

chat bot
आपका साथी