जच्चा-बच्चा की मौत पर हंगामा

देवघर : अक्षय जीवन निजी नर्सिंग होम में सोमवार को जच्चा-बच्चा की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Aug 2017 11:39 PM (IST) Updated:Mon, 14 Aug 2017 11:39 PM (IST)
जच्चा-बच्चा की मौत पर हंगामा
जच्चा-बच्चा की मौत पर हंगामा

देवघर : अक्षय जीवन निजी नर्सिंग होम में सोमवार को जच्चा-बच्चा की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण दोनों की मौत हुई।

परिजनों ने आरोप लगाया कि शव उन्हें सौंपने के बजाय चुपके से एंबुलेंस में डालकर बाहर भेजा जा रहा था। मृतका 28 वर्षीय सरिता देवी मधुपुर थाना क्षेत्र के सिमरातरी की रहने वाली थी। उन्हें एक छह साल की बेटी है। हंगामा की सूचना पर नगर थाना पुलिस वहां पहुंच गई। विधायक नारायण दास ने भी पहुंचकर परिजनों से जानकारी ली। हंगामा की सूचना पर कई चिकित्सक वहां पहुंच गए। विधायक व चिकित्सकों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। पुलिस में किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की गई। हालांकि इलाज से संबंधित रिपोर्ट को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। परिजन रिपोर्ट लेने के लिए अड़े रहे।

क्या है आरोप

मृतका सरिता देवी के पति रंजीत कुमार दास व भाई विष्णु कुमार ने बताया कि रविवार को तकरीबन सुबह 10.30 बजे सरिता को अक्षय जीवन हॉस्पिटल में डॉ. मंजू बैंकर के देखरेख में भर्ती कराया गया। सोमवार की सुबह सरिता को दो बोतल स्लाइन चढ़ाया गया। चिकित्सक ने मरीज का स्टाफ के सहारे छोड़ दिया। स्टाफ की गलती के कारण महिला की बच्चेदानी फट गई, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि शव सौंपने के बजाय एंबुलेंस में भरकर बाहर निकाला जा रहा था। हंगामा के बाद शव को एंबुलेंस से बाहर निकाला गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। रंजीत का कहना है कि उसकी छह साल की बेटी का कैसे लालन-पालन होगा, समझ में नहीं आ रहा। इस दौरान विधायक के अलावा शहर के जाने-माने चिकित्सक डॉ. डी तिवारी, डॉ. युगल किशोर चौधरी, डॉ. गोपाल शरण, डॉ. रमन कुमार व डॉ. एनसी गांधी के अलावा भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य सह वार्ड पार्षद रीता चौरसिया व भाजपा नेता पंकज ¨सह भदौरिया मौजूद थे।

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परिजनों का आरोप बेबुनियाद

परिजनों का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। महिला का इलाज उनकी मौजूदगी में हो रहा था, लेकिन अत्यधिक रक्तस्त्राव से उसकी हालत बिगड़ गई। इसे संभालने के लिए शहर के तमाम जाने-माने सर्जन को बुलाया गया था, ओपी में शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन समय नहीं मिला। आधे घंटे के अंदर सब कुछ हो गया। एंबुलेंस परिजनों की सुविधा के लिए दिया गया था, न कि शव को बाहर ले जाने के लिए।

डॉ. मंजू बैंकर, चिकित्सक, अक्षय जीवन हॉस्पिटल

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घटना की जानकारी मिली तो मानवीय संवेदना के कारण चले आए। कैसे क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है।

नारायण दास, विधायक, देवघर विधान सभा

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कोई भी घटना दुख देता है। लेकिन चिकित्सक हमेशा मरीज के हित में उसके कुशल बने रहने की कोशिश करते हैं। मरीज ही उनकी पूंजी है, जिसे वह कभी नष्ट नहीं होने देना चाहेंगे।

डॉ. गोपाल शरण, संयुक्त सचिव आईएमए झारखंड।

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प्रदीप ¨सह

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