बाबा नगरी के युवाओं में ब्राउन शुगर की लत

देवघर बाबा नगरी देवघर व जसीडीह थाना क्षेत्र के युवा ब्राउन शुगर के नशे के गिरफ्त में आ च

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Mar 2019 09:44 AM (IST) Updated:Fri, 29 Mar 2019 06:30 AM (IST)
बाबा नगरी के युवाओं में ब्राउन शुगर की लत
बाबा नगरी के युवाओं में ब्राउन शुगर की लत

देवघर : बाबा नगरी देवघर व जसीडीह थाना क्षेत्र के युवा ब्राउन शुगर के नशे के गिरफ्त में आ चुके हैं। इसको पाने के युवा किसी भी हद तक जा सकते हैं। वहीं युवाओं को इस नशे की गिरफ्त में डालने में इस कारोबार से जुड़े लोगों ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। इसका लिंक बिहार से जुड़ा है और जसीडीह रेलवे स्टेशन के आसपास का इलाका सेफ जोन है। यहां कारोबारी अहले सुबह ट्रेन से पहुंचते है। खरीदार को ब्राउन शुगर की पुड़िया को थमा दिया जाता है। पैसे लेने के बाद कारोबारी तुरंत दूसरी ट्रेन पकड़कर निकल पड़ते हैं।

कारोबारी व खरीदारी के बीच महज कुछ ही मिनट में सारी प्रक्रिया पूरी हो जाती है। कारोबारी अपनी पहचान छिपाकर रखता है कि उसे खरीदार भी आसानी से पहचान नहीं सकते हैं। दोनों के बीच कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। कोड का मिलान होने के बाद सौदा किया जाता है। इस कारोबार में जमीन के धंधे में शामिल कुछ लोगों के बारे में पुलिस को पता चला है। जो अधिक पैसा कमाने के चक्कर में युवाओं को दलदल में धकेलते हैं।

मंगलवार रात जब पुलिस की टीम छापेमारी करने पहुंची तो वहां पहले से खरीदारों की भीड़ लगी थी। पुलिस को देखते ही खरीदार मौके से फरार होने में सफल रहे। बताया जाता है कि भागने वाले में अधिकांश युवा ही शामिल थे।

पकड़े जाने का गम नहीं, पीने नहीं मिला इसका मलाल

पुलिस की टीम ने मंगलवार को छापेमारी कर ब्राउन शुगर विक्रेता सिकंदर महथा को पकड़ा था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि लाने-पहुंचाने के क्रम में वह इस नशे की गिरफ्त में आ गया। पकड़े जाने का कोई गन नही है। मलाल इस बात कर है कि वह इसे पी नहीं सका। वह हाथ जोड़कर बस एक ही बात कह रहा था कि पकड़ लिए कोई बात नहीं। एक बार उसे पीने दिया जाए नहीं तो उसकी हालत खराब हो जाएगी। इससे यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह नशा किस कदर किसी पर हावी होती है। लोगों अपनी सुध-बुध खोकर केवल नशा का पान करना चाहते हैं।

ऐसे बनाया जाता है ब्राउन शुगर

जानकार बताते है कि ब्राउन शुगर अफीम से बनाया जाता है। अफीम में चूना मिलाकर पहले गर्म किया जाता है। इसमें एसिटेट एनहाइड्राइड भी मिलाया जाता है। इससे अफीम फट जाती है। इसे उबाल कर गाढ़ा घोल बनाया जाता है। फिर से इसे सूखाया जाता है। सूखने के बाद इसका पाउडर बना लिया जाता है। इस तरह से ब्राउन शुगर तैयार किया जाता है।

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वर्जन

ब्राउन शुगर की तल युवाओं को लग जाए जो वह इससे बाहर निकल नहीं सकता है। बार-बार इसकी चाहत होने लगती है। इन्सान के सोचने की शक्ति खत्म हो जाती है। इसकी लत में युवा इसे पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यह नशा दुनिया से अलग-थलग कर देता है।

डॉ. प्रभात रंजन, फिजिशियन, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल, देवघर

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