सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खर्च होगी डीएमएफटी की राशि

कार्यशाला में अपने अनुभव को साझा करते हुए रिटायर्ड आईएएस नेशनल एक्सपर्ट टीआईएसएस चतरा प्रोजेक्ट श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि सर्वे के आधार पर किस प्रकार से हम जिलावासियों के लिए कार्य करना है इस पर योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे जिला वासियों को इसका फायदा मिल सके। साथ हीं गुड गवर्नेंस के लिए अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों के अनुभव को भी उदाहरण के तौर पर साझा किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 08:04 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 08:04 PM (IST)
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खर्च होगी डीएमएफटी की राशि
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खर्च होगी डीएमएफटी की राशि

जागरण संवाददाता, चतरा : टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जिले में डीएमएफटी की राशि खर्च की जाएगी। यह निर्णय क्षमता विकास को लेकर टिस के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में लिया गया। बुधवार को डीसी आफिस के सभा कक्ष में कार्यशाला का उद्धाटन उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सृस्टि सेठी एवं अन्य विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से किया। उपायुक्त ने विषय प्रवेश कराते हुए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस को धन्यवाद देते हुए कहा कि टीआईएसएस ने चतरा जिला में आकर यहां सर्वे का कार्य किया, इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि टिस के साथ जिला प्रशासन का एकरारनामा एक वर्ष के लिए हुआ है। यदि आवश्यकता पड़ी, तो समय का विस्तार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिले का समुचित विकास को लेकर जिला प्रशासन निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में जिला प्रशासन ने मोबाइल एनटीसी वैन, स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गई है। जिला प्रशासन का प्रयास है कि चतरा मॉडल जिला के रूप में प्रदेश और देश में स्थापित हो। कार्यशाला में डीन स्कूल ऑफ डेवलोपमेंट स्टडीज, टिस के प्रोजेक्ट डिरेक्ट प्रोफेसर रितम्भरा हेब्बर, नोडल अफिसर एवं रिसर्च एसोसिएट रवींद्र चौधरी, रिसर्च एसोसिएट अंकिता बर्थवाल एवं जॉय प्रफुल द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से अब तक जिले में किए गए सेंपल सर्वे रिपोर्ट से अवगत कराया। इस क्रम में सर्वे कार्य का अनुभव को भी साझा किया। प्रोफेसर पीएम संध्या रानी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि चतरा आने से पूर्व उन्हें घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कह कर भ्रमित कर रहे थे। परंतु यहां आने एवं लोगों से मिलने और कार्य करने के पश्चात उन्हें यह एहसास हुआ कि यह जिला काफी विकासशील है। प्रोफेसर अश्विनी कुमार ने कहा कि सर्वे कार्य को नकारात्मक के बजाए सकारात्मक सोच एवं तरीके से लेना चाहिए। उन्होंने उपायुक्त द्वारा किए जा रहे किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें पायनियर ऑफ चतरा मॉडल की संज्ञा दी। भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारी सह टिस के नेशनल एक्सपर्ट मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि सर्वे के आधार पर किस प्रकार से जिलावासियों के लिए कार्य करना है, इस पर योजना बनाने की आवश्यकता है। जिससे जिलावासियों को इसका फायदा मिल सके। उन्होंने अपने कार्यकाल में किए गए गुड गवर्नेंस के अनुभव को साझा किया। कार्यशाला में मुख्य रूप से उप विकास आयुक्त मुरली मनोहर प्रसाद, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक अरुण कुमार एक्का, सिविल सर्जन डा. अरुण कुमार पासवान, जिला शिक्षा अधीक्षक जितेंद्र कुमार सिन्हा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी आबिद हुसैन, डीपीएम जीसेलपीएस नीलेश एक्का, एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट फेला नीलेश भट्टाचार्य, जिला अभियंता रामकुमार सिंह व अन्य अधिकारी और टिस के अधिकारी उपस्थित थे।

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