पचीस होमगार्ड के भरोसे आम्रपाली कोल परियोजना

चतरा : अरबों रुपयों का शुद्ध मुनाफा देने वाली आम्रपाली कोल परियोजना की सुरक्षा के प्रति सीसीएल प्रबं

By Edited By: Publish:Thu, 25 Aug 2016 10:41 PM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2016 10:41 PM (IST)
पचीस होमगार्ड के भरोसे आम्रपाली कोल परियोजना

चतरा : अरबों रुपयों का शुद्ध मुनाफा देने वाली आम्रपाली कोल परियोजना की सुरक्षा के प्रति सीसीएल प्रबंधन गंभीर नहीं है। परियोजना की सुरक्षा की कमान होमगार्डों के हाथों में है। घोर नक्सल प्रभावित चतरा जिले के टंडवा प्रखंड में स्थित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना के कांटा घरों व कार्यालय में तैनात होमगार्ड के कुल 25 जवान तैनात हैं। सुरक्षा के नाम पर उनके पास किसी प्रकार का हथियार नहीं है। जवान लाठी के सहारे परियोजना की सुरक्षा कर रहे हैं। जिला पुलिस एवं प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई बार आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। लेकिन सीसीएल प्रबंधन इसके प्रति सचेत नहीं हुआ है। कोल परियोजना 250 एकड़ भू-खंड में फैला हुआ है। प्रखंड के होन्हे, उर्सू, कुमारांगकला सहित कुल पांच गांवों के आसपास उत्खनन का कार्य चल रहा है। गत वित्तीय वर्ष परियोना ने 1.75 अरब रुपयों का शुद्ध लाभ दिया है। आम्रपाली में कोयला का उत्खन्न वर्ष 2014 से शुरू हुआ है। दो वर्ष की अवधि में परियोजना से सीसीएल को शुद्ध लाभ हो रहा है। परियोजना से प्रभावित होने वाले ग्रामीणों को अब तक न तो मुआवजा और नहीं नौकरी मिली है। उत्खन्न का कार्य वन भूमि में हो रहा है। सीसीएल प्रबंधन का कहना है कि प्रभावित गांवों में कोयला का जब उत्खन्न कार्य शुरू होगा, तभी नौकरी व मुआवजा का भुगतान किया जाएगा। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रकों से कोयले की ढुलाई होती है और हजारों टन का उत्खन्न होता है। बावजूद उसकी सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना, सीधे तौर पर व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है। परियोजना की सुरक्षा सीसीएल प्रबंधन के जिम्मे है। लेकिन उसके बाद भी प्रबंधन द्वारा शिथिलता बरती जा रही है। स्थानीय थाना स्तर से प्रतिनियुक्त किए गए होमगार्ड स्वयं को सुरक्षा के प्रति सक्षम नहीं मानते हैं। होमगार्ड जवान भुनेश्वर साव कहते हैं कि डंडा के भरोसे परियोजना की सुरक्षा संभव नहीं है।

कोट

सुरक्षा को लेकर रांची के सिक्यूरिटी अधिकारी यहां आए थे। परियोजना का निरीक्षण कर वापस लौट चुके हैं। जल्द की इस दिशा में कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।

मनोज कुमार, प्रबंधक, आम्रपाली।

क्या कहते हैं एसपी

सुरक्षा का सारा दायित्व सीसीएल प्रबंधन पर है। लेकिन उसके बाद भी सीसीएल प्रबंधन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। स्थानीय थाना स्तर पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। आईआरबी की टीम वहां पर है, लेकिन उसका काम सुरक्षा में नहीं है। आईआरबी मुख्य रूप से नक्सल विरोध अभियान के लिए है। आम्रपाली कोल परियोजना में सुरक्षा को लेकर बहुत खामिया हैं।

अंजनी कुमार झा, पुलिस कप्तान, चतरा।

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