Coronavirus Lockdown Effect : कैंसर की दवाएं खत्म, शुगर व हार्ट की दवाओं पर भी आया संकट

Coronavirus Lockdown Effect हिमाचल की सीमाएं सील होने के कारण शहर में कैंसर शुगर और हार्ट के मरीजो की दवायें खत्‍म होने लगी हैं। उत्पादन कार्य भी 90 फीसद तक लुढ़क गया है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 10:42 AM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 10:42 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect : कैंसर की दवाएं खत्म, शुगर व हार्ट की दवाओं पर भी आया संकट
Coronavirus Lockdown Effect : कैंसर की दवाएं खत्म, शुगर व हार्ट की दवाओं पर भी आया संकट

सोलन, सुनील शर्मा। Coronavirus Lockdown Effect हिमाचल प्रदेश के शहरों व दुर्गम क्षेत्रों में अब जीवन रक्षक दवाएं खत्म होने लगी हैं। चंडीगढ़ से आने वाली कैंसर की दवाएं सोलन शहर में समाप्त हो चुकी हैं और इसके साथ ही शूगर और हार्ट के मरीजों की दवाओं का भी कुछ ही स्टॉक मेडिकल स्टोरों पर उपलब्ध है। दवाओं की इस कमी का बड़ा कारण सीमाएं सील करना माना जा रहा है, वहीं दूसरा कारण फार्मा उद्योगों में दवा उत्पादन का कार्य भी 90 फीसद तक लुढ़क गया है। आने वाले दिनों में स्थिति अगर सामान्य नहीं होती है तो गंभीर संकट दवाओं की कमी का आ सकता है।

उप राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि प्रदेश में 400 के करीब फार्मा उद्योग स्थापित हैं। लॉकडाउन की स्थिति और बल्क ड्रग की कमी के चलते कुछ उद्योगों में उत्पादन कम हो रहा था, लेकिन अब बीते कुछ दिनों में 200 फार्मा उद्योगों को सुचारू करवा दिया गया है। किसी भी तरह की परेशानी फार्मा उद्योगों को नहीं आने दी जाएगी।

एसपी बद्दी रोहित मालपानी ने कहा कि अब लॉकडाउन में दवाओं सहित आवश्यक सामान लेकर आने जाने वाली गाड़ियों को नहीं रोका जा रहा है। दवाओं की सप्लाई के लिए जाने वाहनों को किसी तरह के पास की आवश्यकता नहीं है। उन्हें बिना अनुमति के भी जाने दिया जा रहा है।

मेडिकल स्टोर पर कैंसर की दवा खत्म : अग्रवाल

अग्रवाल मेडिकल स्टोर के प्रबंधक हेमी अग्रवाल ने कहा कि हमारे स्टोर में अब कैंसर की दवा खत्म हो गई है। यह दवा अपने स्तर पर चंडीगढ़ के होल सेलर से लाते थे। अब सीमाएं सील होने के कारण दवाएं नहीं ला पा रहे हैं। अगर अनुमति मिलती है तो दवाएं ला सकते हैं। इसके साथ ही शूगर और हार्ट की बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का भी स्टॉक समाप्त होने वाला है। हेमी ने बताया कि कैंसर की दवा आई मैट 400 उनके पास खत्म है। इसी तरह शूगर में इस्तेमाल होने वाली गाल्वस, जालरा, ग्लिजड, ग्लूकोनार्म स्टॉक में थोड़ी उपलब्ध है। बीपी की दवाएं टेलमीसार्टन, ओल्मी सार्टन, अटपनोलोल, अम्लोडिपिम कम मात्र में उपलब्ध है। हार्ट की दवाएं नेवी स्टार, मीटोलार, मीटोप्योर, कारलोक सहित दवाओं का स्टॉक खत्म होने वाला है। करीब एक माह पहले शहर में आपूर्ति की गई थी, उसके बाद नई आपूर्ति अब तक बाजार में नहीं हो सकी है।

दवा उत्पादन केवल 10 फीसद : एचडीएमए

हिमाचल प्रदेश ड्रग मैन्यूफैक्चिरिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि उनकी वर्क फोर्स 20 फीसद रह गई है। कुछ लोग चंडीगढ़ में फंस गए हैं तो कुछ घरों को चले गए हैं। ऐसे में अब दवाओं के ऑर्डर का 10 फीसद ही उत्पादन कंपनियों में हो पा रहा है। ऐसे में आने वाले समय में अगर स्थिति सामान्य नहीं होती है तो उन्हें बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए बेहतर समन्वय के साथ काम करने की जरूरत है।

जल्द की जाएगी आपूर्ति : होल सेलर

पेसिफिक मेडिकल एजेंसी सोलन के प्रबंधक नीरज मित्तल ने कहा कि वह होल सेल का काम करते हैं। कुछ समय से दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही थी, लेकिन अब जीरकपुर से स्टॉक मंगवाया गया है, जिसके यहां पहुंचने से अधिकतर समस्या को ठीक कर दिया जाएगा।

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