छात्रवृत्ति घोटाला: दो हजार विद्यार्थियों के नाम ले ली करोड़ों की छात्रवृत्ति

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में खुलासा हुआ है कि एक निजी शिक्षण संस्थान ने अनुसूचित जाति के दो हजार से अधिक विद्यार्थियों के नाम पर करोड़ों की छात्रवृत्ति डकार ली।

By BabitaEdited By: Publish:Fri, 17 Aug 2018 12:29 PM (IST) Updated:Fri, 17 Aug 2018 12:29 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाला: दो हजार विद्यार्थियों के नाम ले ली करोड़ों की छात्रवृत्ति
छात्रवृत्ति घोटाला: दो हजार विद्यार्थियों के नाम ले ली करोड़ों की छात्रवृत्ति

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में रोज ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं, जिसे देखने के बाद शिक्षा विभाग के आलाधिकारी भी दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो रहे हैं। हैदराबाद की कंपनी से लिए रिकार्ड की शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही छानबीन में खुलासा हुआ है कि एक निजी शिक्षण संस्थान ने अनुसूचित जाति के दो हजार से अधिक विद्यार्थियों के नाम पर करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति डकार ली।

हैरानी की बात यह है कि इस निजी शिक्षण संस्थान ने एक ही साल में दो हजार से अधिक विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्ति के आवेदन किया गया। शिक्षा विभाग की छात्रवृत्ति शाखा ने इस संस्थान के लिए करीब दस करोड़ का पैसा छात्रवृत्ति के लिए जारी भी कर दिया। रिकार्ड में मिले तथ्यों की छानबीन में पता चला है कि 2013-14 के दौरान जिन विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्ति ली गई वह सभी अनुसूचित जाति के थे। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि उक्त निजी शिक्षण संस्थान क्या अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए ही खोला गया था।

दूसरी बात यह कि दो हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए क्या उस संस्थान के पास आधारभूत ढांचे की सुविधा थी कंपनी से लिए रिकार्ड को खंगाला जा रहा है। अभी जांच को पूरा करने में थोड़ा समय और लगेगा। मामले के हर पहलू को जांचने के लिए आइटी विशेषज्ञ भी तैनात किया गया है।

डॉ. अरुण कुमार शर्मा, शिक्षा सचिव।  

रिकॉर्ड की जांच के लिए लगाया आइटी विशेषज्ञ हैदराबाद की सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी से रिकार्ड लेने के बाद शिक्षा विभाग ने उसकी जांच के लिए आइटी विशेषज्ञ तैनात कर दिया है। एक के बाद एक हो रहे खुलासों को देख विभाग ने यह कदम उठाया है। किसी भी प्रकार की छूट न हो, इसके लिए रिकार्ड के हर पहलू का खंगाला जा रहा है। 2016 में हुई जांच की रिपोर्ट मांगी शिक्षा विभाग ने संयुक्त नियंत्रक वित्त से 2016 में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की रिपोर्ट मांगी है। इस जांच के दौरान क्या तथ्य मिले थे, इसका खुलासा रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा। 2015 के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच 2016 में हुई थी, लेकिन इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को नहीं दी गई थी। अब शिक्षा सचिव डॉ. अरुण शर्मा ने इसकी रिपोर्ट मांगी है।

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