विधायक निधि से किया विकास, सरकार का नहीं मिला सहयोग

विधायक निधि के बलबूते मूलभूत सुविधाओं को जुटाने की विकास गति बनाए रखी लेकिन सरकार से वह कोई बड़ी योजना लाने में सफल नहीं रहे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Mar 2019 08:33 AM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2019 08:33 AM (IST)
विधायक निधि से किया विकास, सरकार का नहीं मिला सहयोग
विधायक निधि से किया विकास, सरकार का नहीं मिला सहयोग

जागरण संवाददाता, शिमला : विधायक निधि के बलबूते ही मूलभूत सुविधाओं को जुटाने का प्रयास किया। सरकार से कोई बड़ी योजना लाने में सफल नहीं हुआ हूं। इसकी वजह यह है कि प्रदेश सरकार दूरगामी सोच नहीं रखती है। ठियोग में पानी की दिक्कत है कई बार यह मुद्दा उठाया है, लेकिन सफलता नहीं मिली है। सरकार का सहयोग मिले तो क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास करेंगे। यह कहना है ठियोग के विधायक राकेश सिघा का प्रस्तुत है उनसे की बातचीत के प्रमुख अंश।

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-पहली बार ठियोग से विधायक बने हैं क्या लक्ष्य?

मैं बहाव के विपरित दिशा का तैराक हूं, मेरा लक्ष्य क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, ग्रामीण सडकों की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। जहां भी लोगों की समस्याएं देखता हूं, उसे दूर करना ही मेरा लक्ष्य रहता है। विधायक निधि से जो बन पड़ता है उससे क्षेत्र का विकास किया है।

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-अभी तक कितना विकास क्षेत्र में हुआ है?

विकास एक लंबी प्रक्रिया है इसके लिए समय और जनता की भागीदारी जरूरी है। ठियोग-कुमारसैन की जनता को अधिक सुविधाएं दिलवाने और समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान खींचने के लिए विधायक होने के बाबजूद तीन दिवसीय भूख हड़ताल की थी। ------

-कोई बड़ी योजना जो क्षेत्र को दिलाना चाहते हो?

क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए योजना लाना चाहता हूं। इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए सरकार का सहयोग चाहिए होता है, जिसके लिए हमेशा से संघर्ष करते हैं और करते रहेंगे।

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-आप जनता से कब मिलते हैं?

हमेशा जनता के लिए उपलब्ध हूं, लोग कभी भी मुझसे आकर मिल सकते हैं और में भी जनता की समस्याओं से रूबरू होने के लिए प्रति माह विभिन्न ग्रामीण इलाकों का दौरा करता हूं।

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क्या कहते हैं लोग

ठियोग विधानसभा क्षेत्र विकास के नजरिए से पिछड़ गया है। विधायक सिर्फ धरना प्रदर्शन पर विश्वास रखते हैं, कोई बड़ी योजना क्षेत्र के लिए नहीं ला पाए हैं। कुछ लोगों के बीच विधायक रहते हैं।

-अजय श्याम। -विधायक ने जो वादे किए थे वह उनसे भटक गए हैं। विकास के बजाए अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में लगे हुए हैं, लोग परेशान हैं। सड़कों की हालत खस्ता हो गई है लेकिन विधायक को इसकी कोई परवाह नहीं है।

-कंवर नरेंद्र। -पहली बार ठियोग विधानसभा क्षेत्र से माकपा विधायक जीते हैं। विधायक दिन रात विकास कार्य में जुटे हैं और क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास हुआ है। इससे पहले ठियोग क्षेत्र की जनता की आवाज सुनने वाला पहले नहीं देखा।

-सोहन ठाकुर। -लोगों की समस्याओं को विधायक सुनते हैं, लोगों के बीच रहते हैं, इससे बड़ी बात क्या होगी की आम लोगों के साथ मिलकर समस्या का समाधान करते हैं। विकास की गति बढ़ी है आने वाले दिनों में उम्मीद है कि क्षेत्र का विकास होगा।

-बाल कृष्ण बाली।

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प्रदेश की राजनीति में फंस गए हैं विधायक : वर्मा

वहीं विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे राकेश वर्मा का कहना है कि राकेश सिंघा का कार्यकाल असफल नेता के रूप में आंका जाना चाहिए। सिंघा एक साल प्रदेश की राजनीति मे फंस कर ठियोग की जनता को भूल गए हैं। जनता पेयजल, बिजली और सड़कों की बदत्तर हालत से त्रस्त है जिसको लेकर राकेश सिघा के द्वारा किए गए प्रयास न तो नजर आ रहे हैं और न ही उनके प्रयास का जमीन पर कोई असर नजर आ रहा है। चुनावों के समय सिघा ने सेब के अवैध कब्जाधारियों को राहत पहुंचाने का वादा किया था जिसमें वे पूरी तरह से असफल होते नजर आये हैं। ठियोग में पेयजल समस्या का कोई ठोस समाधान निकालने, सब्जी मंडी बाईपास, सिविल अस्पताल भवन और बस अड्डा का निर्माण पूरा न करवाने के लिए सिघा ने सही मंच पर कभी कोई ठोस रणनीति के तहत काम नहीं किया जिसका खामियाजा आम जनता को भोगना पड़ रहा है। ठियोग-कुमारसैन के लिए सिंघा कोई बड़ी योजना लाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। किसी योजना को लाने के लिए प्रयासों की निरंतरता की जरूरत होती है लेकिन सिघा प्रदेश की नेतागिरी करने में ही व्यस्त रहते है। अभी तक के कार्यकाल में विधायक का काम नारेबाजी करना ही सामने आया है। सिघा विधान सभा में ठियोग.कुमारसेन से जुड़े मुद्दे उठाने में भी कामयाब नहीं हो पाए हैं।

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